राष्ट्रीय
जनरल बिपिन रावत बोले: जब देश सुरक्षित होगा तभी आर्थिक तरक्की होगी
By Deshwani | Publish Date: 1/3/2018 7:06:49 PM नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को कहा कि भारत का आर्थिक विकास और सैन्य बलों का आधुनिकीकरण साथ-साथ चलना चाहिए. सैन्य बलों के लिए किए गए बजट आवंटन का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘देश सुरक्षित होगा तभी आर्थिक तरक्की होगी।’’ उन्होंने कहा कि भारत में विदेशी निवेश का प्रवाह, देश की सीमाओं पर स्थिति और आतंरिक सुरक्षा परिदृश्य के बीच एक संबंध है।
उन्होंने यहां एक सेमिनार में कहा कि निवेश को आमंत्रित करने के लिए हमें,‘‘निवेशकों के बीच भरोसा कायम करना और उसे विकसित करना होगा कि राष्ट्र की सीमाएं सुरक्षित हैं और आतंरिक सुरक्षा के हालात नियंत्रण में हैं। इसके लिए रक्षा बलों को बजट की जरूरत है।’’
सैन्य बलों के लिए बजट आवंटन का लेकर सवाल उठाने वाले लोगों के बारे में भी उन्होंने बात की और कहा कि ‘‘आर्थिक विकास तथा सेना का आधुनिकीकरण साथ-साथ होना चाहिए।’’ रक्षा बजट के बारे में जनरल रावत ने सेना के एक आतंरिक शोध का हवाला दिया जिसमें कहा गया कि सालाना बजट का 35-37 फीसदी जो बलों को दिया जाता है वह राष्ट्र निर्माण में योगदान देता है।
उन्होंने कहा, ‘‘देश के दूर दराज के इलाकों में अगर आप सड़कों और आधारभूत ढांचे को विकसित कर रहे हैं तो इससे स्थानीय आबादी को लाभ मिलेगा। दूर दराज के क्षेत्रों में जहां तक सरकार की अभी पहुंच भी नहीं बन पाई है वहां सैन्य बल लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा दे रही है। खर्च के बारे में सेना प्रमुख ने विभिन्न संयुक्त राष्ट्र मिशनों पर भारतीय जवानों को भेजने पर आने वाले खर्च का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जवानों पर सेना खर्च करती है लेकिन संरा की ओर से आने वाली राशि सेना के पास नहीं बल्कि संचित निधि में जाती है। अधिकारियों ने बताया कि सैन्य बलों के धुनिकीकरण के प्रयास के तहत बीते तीन वर्ष में सरकार ने चार लाख करोड़ रूपये की सैन्य खरीद वाले 136 प्रस्तावों को मंजूरी दी है।