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चिदंबरम ने जेटली को लिया आड़े हाथ, कहा- मैं होता तो इस्तीफा दे चुका होता
By Deshwani | Publish Date: 27/2/2018 11:30:47 AMकोलकाता। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि अगर वह वित्त मंत्री अरुण जेटली के स्थान पर होते तो इस्तीफा दे देते। भारत चैंबर ऑफ कामर्स की ओर से आयोजित परिचर्चा के दौरान चिदंबरम ने कहा, ‘‘अगर मैं जेटली की जगह पर होता तो मैं क्या करता? मैं इस्तीफा दे देता।’’
वह केंद्रीय बजट 2018-19 के संदर्भ में राजकोषीय समेकन के मुद्दे पर बात कर रहे थे. चिदंबरम ने कहा, ‘‘जेटली ने दूसरों द्वारा लिखे गए बजट भाषण को पढ़ने में निश्चित तौर पर मुश्किल स्थिति का सामना किया होगा।’’ केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए चिदंबरम ने कहा कि सरकार राजकोषीय समेकन में पूरी तरह विफल रही है।
वहीं इससे पहले चिदंबरम ने कहा था कि केन्द्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को सलाह दी कि वह अपनी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को अमल में लाने के लिये ‘‘अच्छे प्रबंधकों’’ को नियुक्त करे। उन्होंने कहा था कि सरकार के कार्यक्रम तो अच्छे हैं लेकिन उन्हें चलाने वाले प्रबंधक अयोग्य हैं. चिदंबरम ने आर्थिक सर्वेक्षण का संदर्भ देते हुये कहा कि सरकार की कुछ कल्याणकारी योजनायें जैसे कि स्वच्छ भारत, ग्रामीण विद्युतीकरण और एलपीजी वितरण योजनायें अभी भी वास्तविक परिणाम हासिल नहीं कर पाई हैं।
उन्होंने रिपोर्ट का हवाला देते हुये कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय तो बना दिये गये हैं लेकिन उनमें पानी कनेक्शन नहीं है और न ही अपशिष्ट निपटान की प्रणाली को चुस्त दुरुस्त बनाया गया है। चिदंबरम ने एक सार्वजनिक परिचर्चा मंच ‘मंथन’ में कहा, ‘‘कोई भी सरकार अथवा प्रधानमंत्री की मंशा को लेकर सवाल नहीं उठा रहा है। मुझे पूरा विश्वास है कि मंशा अच्छी है लेकिन इससे यह साबित होता है कि सरकार के पास कार्यक्रम तो अच्छे हैं लेकिन उसके कार्यक्रमों के अयोग्य प्रबंधक है।’’