गुजरात। गुजरात की 75 नगरपालिकाओं के लिए हुई वोटिंग के नतीजों में बीजेपी को जीत तो मिली लेकिन यह जीत पिछली जीत की तुलना में नुकसान भरी रही। पिछली बार पार्टी ने 75 नगरपालिका में से 59 में सत्ता पर थी लेकिन इस बार उसे मात्र 43 नगरपालिका से संतोष करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ विधानसभा चुनावों बीजेपी को कांटे की टक्कर देने वाली कांग्रेस ने नगरपालिका चुनाव में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। कांग्रेस ने पिछली बार जहां 75 में से मात्र 11 सीटें जीती थीं। वहीं इस बार पार्टी को 27 सीटें मिली है। यानि कांग्रेस को 16 नगरपलिका का फायदा हुआ है।
अभी तक के नतीजों में 43 नगरपालिका में बीजेपी तो वहीं 27 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। 5 नगरपालिका में निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है. पीएम मोदी के गृह नगर वडनगर में बीजेपी ने 28 में 27 सीटें जीतकर कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया है। गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 3 सीटें मिली थी. वहीं इस बार के नगरपालिका चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है. 30 नगरपालिका सीटों पर बीजेपी का कब्जा हुआ है. 13 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। जबकि एक सीट पर एनसीपी प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है।
जूनागढ़ में 6 में 5 नगरपालिकाओं में कांग्रेस ने कब्जा कर लिया है. बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान जूनागढ़ सीट पर कांग्रेस ने 32 साल बाद जीत दर्ज की थी। भगवान कृष्ण की नगरी द्वारका में भी बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की है। वहीं टाटा के नैनो प्लांट से चर्चा में आए गुजरात के साणंद में भी भगवा रंग चढ़ा दिखा. लौहपुरुष सरदार पटेल की जन्मस्थली करमसद और एनसीपी के प्रभुत्व वाली कुतियाणा नगरपालिका में भी बीजेपी ने जीत दर्ज की है। वहीं कांग्रेस ने धीरुभाई अंबानी के गांव चोरवाड और जूनागढ के वंथली में जीत दर्ज की है।
अमरेली की 3 में दो नगरपालिका में बीजेपी ने जीत दर्ज की है वहीं कांग्रेस के खाते में एक नगरपालिका गई है. पोरबंदर की चोरवाड नगरपालिका में कांग्रेस का कब्जा हो गया है। पीएम मोदी के गृहनगर वडनगर में बीजेपी ने जीत दर्ज की है. छाया नगरपालिका में 16 बीजेपी, 12 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. गुजरात के सीएम विजय रूपाणी के गढ़ राजकोट की 5 नगरपालिकाओं में 3 बीजेपी और 2 पर कांग्रेस ने कब्जा किया है। 2017 के विधानसभा चुनावों में राजकोट जिले की 7 सीटों में से 4 पर बीजेपी ने कब्जा किया था। जबकि 3 सीटें कांग्रेस के खाते में गई थी. इस जिले की राजकोट वेस्ट सीट से विजय रूपाणी विधायक हैं।
द्वारका जिले की 3 नगरपालिकाओं में से 2 में बीजेपी ने जीत हासिल की है। कांग्रेस के खाते में एक नगरपालिका आई है. वहीं द्वारका नगरपालिका की बात करें तो 27 में 25 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है जबकि बाकि सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. कांग्रेस का यहां खाता भी नहीं खुला है। गुजरात की 75 नगरपालिका के लिए चुनाव होना था लेकिन एक नगरपालिका में निर्विरोध उम्मीदवार का चयन हो गया। अमरेली जिले की जाफराबाद नगरपालिका की सभी 28 सदस्यों की निर्विरोध चुन लिया गया है।
इस चुनाव में बीजेपी अपना प्रदर्शन बरकार रखना चाहेगी तो वहीं कांग्रेस की रणनीति विधानसभा चुनाव की तरह ही करने की होगी. क्योंकि राज्य की 75 नगरपालिकाओं में से 59 में बीजेपी का कब्जा था. वहीं इस बार बीजेपी का प्रदर्शन पहले से खराब रहा है. पार्टी को 59 की जगह 43 नगरपालिकाओं से ही संतोष करना पड़ा है। पिछली बार कांग्रेस पार्टी ने 75 नगरपालिकाओं में से 11 सीटें जीती थी। इस बार उसे बड़ा फायदा होता दिखा। कांग्रेस ने 75 में से 27 नगरपालिकाओं पर अपना कब्जा जमाया।
गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद निकाय के लिए 17 फरवरी को 74 नगरपालिकाओं, दो जिला पंचायत, 17 तालुका पंचायत और करीब 1400 ग्राम पंचायतों में शांतिपूर्ण वोटिंग संपन्न हुई थी. दाहोद में सबसे ज्यादा 76.67 प्रतिशत मतदान हुआ था। वहीं राजकोट में सबसे कम 50.17 प्रतिशत मतदान हुआ था। निकाय चुनाव में बीजेपी की ओर से 1934, कांग्रेस की ओर से 1783 उमीदवार मैदान में थे. 1793 निर्दलीय उमीदवार भी चुनावी मैदान में थे। इन चुनावों के लिए कुल 2763 मतदान केंद बनाए गए थे जिसमें से 530 को संवेदन और 95 अति संवेदनशील घोषित किया गया था. 15,000 से ज्यादा मतदानकर्मियों को चुनाव ड्यूटी में लगाया गया था।