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आजादी के बाद पाकिस्तान के हमले के दौरान नेहरू ने RSS से मांगी थी मदद: उमा
By Deshwani | Publish Date: 14/2/2018 11:12:27 AMभोपाल। केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने मंगलवार को दावा किया कि आजादी के कुछ ही समय बाद जब पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर पर हमला किया था तब तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आरएसएस से मदद मांगी थी। उन्होंने भारतीय सेना को लेकर आरएसएस प्रमुख द्वारा की गई टिप्पणी के बीच यह दावा किया।
उमा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए भागवत की टिप्पणी पर सीधा सीधा कुछ कहने से इनकार कर दिया। हालांकि उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कश्मीर के राजा महाराजा हरि सिंह संधि पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे थे और शेख अब्दुल्ला ने हस्ताक्षर करने के लिए उनपर दबाव डाला। उन्होंने कहा कि नेहरू दुविधा में थे और फिर पाकिस्तान ने एकाएक हमला कर दिया और उसके सैनिक उधमपुर की तरफ बढ़ने लगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'उस समय नेहरूजी ने गुरू गोवलकर (तत्कालीन आरएसएस प्रमुख एम एस गोवलकर) आरएसएस के स्वयंसेवकों की मदद मांगी। आरएसएस स्वयंसेवक मदद के लिए जम्मू-कश्मीर गए थे'।
उमा भारती ने यह बात आरएसएस प्रमुख भागवत की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो देश के लिये लड़ने की खातिर आरएसएस के पास तीन दिन के भीतर सेना तैयार करने की क्षमता है। अपनी छह दिवसीय मुजफ्फरपुर यात्रा के अंतिम दिन जिला स्कूल मैदान में आरएसएस के स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा था कि सेना को सैन्यकर्मियों को तैयार करने में छह-सात महीने लग जाएंगे, लेकिन संघ के स्वयं सेवकों को लेकर यह तीन दिन में तैयार हो जाएगी। यह हमारी क्षमता है पर हम सैन्य संगठन नहीं, पारिवारिक संगठन हैं लेकिन संघ में मिलिट्री जैसा अनुशासन है। अगर कभी देश को जरूरत हो और संविधान इजाजत दे तो स्वयं सेवक मोर्चा संभाल लेंगे। उन्होंने कहा कि आरएसएस के स्वयं सेवक मातृभूमि की रक्षा के लिए हंसते-हंसते बलिदान देने को तैयार रहते हैं। भागवत ने कहा कि देश की विपदा में स्वयंसेवक हर वक्त मौजूद रहते हैं।