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राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना पर प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने मंथन किया
By Deshwani | Publish Date: 13/2/2018 4:44:40 PMनई दिल्ली। आम बजट 2018-19 में विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना घोषित करने के बाद सरकार अब इसे धरातल पर उतारने की रणनीति बनाने में जुट गयी है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने सोमवार को इस योजना के क्रियान्वयन की संभावित रूपरेखा पर विचार मंथन किया। बीते दो सप्ताह में यह दूसरा मौका है जब किसी शीर्ष स्तरीय संस्था ने इस योजना को लागू करने की तैयारियों के संबंध में मंथन किया है। इससे पहले नीति आयोग भी इसके क्रियान्वयन एक मसौदा पेश किया था। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष और जाने माने अर्थशास्त्री विवेक देबरॉय की अध्यक्षता में हुई चौथी बैठक में इस योजना के क्रियान्वयन की संभावित रणनीति पर चर्चा हुई। परिषद की अस्थाई सदस्य शामिका रवि ने स्वास्थ्य सुधारों के संबंध में बैठक में एक प्रेजेंटेशन भी दिया।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक फरवरी को आम बजट 2018-19 में मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी 'राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना' की घोषणा की थी। इस योजना के तहत करीब 10 करोड़ परिवारों यानी लगभग 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा देने का लक्ष्य है। इसके तहत आने वाले प्रत्येक परिवार को पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर मिलेगा। यह एक तरह से स्वास्थ्य बीमा की तरह होगी और इसके लाभार्थी सरकारी या निजी अस्पताल में पांच लाख रुपये तक का इलाज करा सकेंगे। माना जा रहा है कि सरकार यह योजना इस साल पंद्रह अगस्त या दो अक्टूबर से लागू करना चाहती है। नीति आयोग का अनुमान है कि इस योजना के क्रियान्वयन पर लगभग 12 हजार करोड़ रुपये का व्यय आएगा। इसे लागू करने में केंद्र और राज्यों का योगदान 60:40 के अनुपात में होगा। आयोग का अनुमान है कि इस योजना के तहत पांच लाख रुपये के स्वास्थ्य कवर का बीमा कराने पर प्रति परिवार लगभग 1,200 रुपये प्रीमियम आएगा जिसे सरकार वहन करेगी।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की बैठक में राजकोषीय और मौद्रिक नीति पर भी चर्चा हुई। परिषद की अस्थाई सदस्य आशिमा गोयल ने इस संबंध में एक प्रेजेंटेशन दिया। इसके अलावा विश्व बैंक की प्रमुख अर्थशास्त्री पूनम गुप्ता ने भारतीय अर्थव्यवस्था के संबंध में विश्व बैंक की रिपोर्ट पर एक प्रेजेंटेशन दिया।