मुजफ्फरपुर, (हि.स.)। सरसंघचालक मोहन भागवत ने जीवन में अनुशासन की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि संघ कोई मिलिट्री नहीं है, लेकिन इसमें मिलिट्री जैसा अनुशासन जरूर है। वह रविवार को मुज़फ़्फ़रपुर में बौद्धिक शिविर के छठे व अंतिम दिन संघ के स्वयंसेवकों को स्थानीय जिला स्कूल में संबोधित कर रहे थे।
सरसंघचालक ने कहा कि सेना को तैयार होने में 6 से 7 महीने का समय लगता है, लेकिन देश का कानून और संविधान की अनुमति मिले तो 3 दिनों में संघ के लोग तैयार हो जाएंगे। देश व समाज के लिए सबकुछ न्यौछावर है। देश को जरुरत पड़ी तो तीन दिनों में आरएसएस की सेना तैयार हो जाएगी। उन्होंने कहा कि संघ एक परिवार है। जिस दिन भारत हिंदू राष्ट्र बन जाएगा इसमें सभी पद समाप्त हो जाएंगे। उसके बाद संघ एक परिवार के रूप में काम करता रहेगा।
संघ प्रमुख ने कहा कि देश की विपदा और मातृभूमि की रक्षा के लिए स्वयंसेवक सदैव हंसते-हंसते बलिदान देने के लिए मौजूद रहते हैं। उन्होंने भारत-चीन के युद्ध की चर्चा करते हुए कहा कि जब चीन से हमारा युद्ध हुआ तो सिक्किम सीमा क्षेत्र तेजपुर से पुलिस-प्रशासन भाग खड़ी हुई। उस समय संघ के स्वयंसेवक सीमा पर मिलिट्री फोर्स के आने तक डटे रहे। स्वयंसेवकों को जब जो जिम्मेवारी मिली, उसे उनलोगों ने बखूबी निभाया। स्वयंसेवकों ने तय किया कि अगर चीनी सेना आयी तो बिना प्रतिकार के उन्हें अंदर प्रवेश करने नहीं देंगे।
डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि प्रत्येक दिन शाखाओं में एक घंटे के खेल और बौद्धिक में शामिल होने वाला व्यक्ति जीवन के किसी भी क्षेत्र में जाएगा, उसकी विशिष्ट पहचान बनेगी। वह हर क्षेत्र में पूरी निष्ठा और ईमानदारी से अपना कार्य करेगा। चाहे वह आजीविका को लेकर व्यापार करें या प्रशासनिक सेवाओं में जायें।
उन्होंने स्वयंसवेकों से व्यक्तिगत, पारिवारिक व सामाजिक जीवन में सजगता से आचरण की शुद्धता का उदाहरण प्रस्तुत करने का आह्वान किया। सरसंघचालक ने कहा कि जिस दिन भारत वर्ष में परम वैभव संपन्न हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हो जाएगी, उसी दिन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का विसर्जन कर दिया जाएगा। उसके बाद संघ नहीं रहेगा, हां स्वयंसेवक बंधुत्व की भावना से एक-दूसरे से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक तन-मन-धन से संपूर्ण देश को अपना मानता है।
समय और अनुशासन का पालन करने की आवश्यकता बताते हुए डॉ. भागवत ने कहा कि इसकी अनदेखी से संघ का कुछ नहीं बिगड़ता है, गलती करने वाले की आदत खराब होती है। मोहन राव भागवत ने कहा कि स्वयंसेवकों को प्रत्येक दिन शाखा में जाना चाहिए। अगर प्रत्येक दिन नहीं तो प्रत्येक सप्ताह में। अगर उससे भी न हो तो महीने में एक बार जरूर जाएं। अगर समय का बहुत अभाव हो तो संघ के मूल 6 कार्यक्रमों और ऐसे बौद्धिक में निश्चित तौर पर भाग लेना चाहिए | हमें अच्छी चीजों को अपनी आदतों में शामिल करना चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान मंच पर क्षेत्र संघचालक सिद्धिनाथ सिंह और मुजफ्फरपुर महानगर संघचालक संजय मुरारका उपस्थित थे। इस अवसर पर बिहार सरकार के नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश शर्मा, कुढनी विधायक केदार गुप्ता सहित बड़ी संख्या में संघ और उससे जुड़े विविध क्षेत्रों के स्वयंसेवक और कार्यकर्ता गणवेश में शामिल थे।