नई दिल्ली। नीति आयोग ने सहयोगी और प्रतिस्पर्धी संघवाद को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर परिणाम सुनिश्चित करने के लिए ‘हेल्थी स्टेट प्रोग्रेसिव रिपोर्ट’ जारी की है। इस रिपोर्ट में केरल, पंजाब और तमिलनाडु सबसे आगे हैं| प्रदर्शन की दृष्टि से झारखण्ड, जम्मू व कश्मीर और उत्तर प्रदेश बेहतर कर रहे हैं। छोटे राज्यों में मिजोरम और मणिपुर आगे हैं| इसके अलावा गोवा और मणिपुर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। केन्द्र शासित प्रदेशों में लक्षद्वीप सबसे आगे है।
इस तरह की रिपोर्टों के माध्यम से नीति आयोग का उद्देश्य परिणाम आधारित आंकलन कर राज्य, केन्द्र शासित प्रदेश और केन्द्रीय मंत्रालयों को सतत विकास लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरित करना है।
रिपोर्ट नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव प्रीति सुंदर और विश्व बैंक में भारत के निदेशक जुनैद अहमद ने जारी की। यह पहली वार्षिक व्यवस्थित राष्ट्रीय रिपोर्ट है जिससे देश की जटिल स्वास्थ्य व्यवस्था को समझा जा सकता है।
नीति आयोग ने विश्व बैंक की तकनीकी सहायता और स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय से बातचीत कर इस रिपोर्ट को तैयार किया है। रिपोर्ट को बड़े राज्य, छोटे राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों की तीन श्रेणियों में बांटा गया है। इसमें स्वास्थ्य को 70 प्रतिशत, प्रशासन और जनाकारी को 12 प्रतिशत और प्रक्रिया व महत्वपूर्ण बिंदु को 18 प्रतिशत महत्व दिया गया है।
नीति आयोग के सदस्य व स्वास्थ्य विशेषज्ञ विनोद पाल ने कहा कि लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की दृष्टि से क्या कुछ किया जाना जरूरी है, यह इस रिपोर्ट से पता चलेगा। इससे राज्य एक-दूसरे को जान सकेंगे और पहचान कर सकेंगे कि दूसरे राज्य कैसे बेहतर कर रहे हैं। तथ्यों पर आधारित इस विश्लेषण से स्वस्थ की दृष्टि से बेहतर भविष्य तैयार करने में मदद मिलेगी।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि इस तरह के सूचक बतायेंगे कि कौन बेहतर है और क्या बदलाव हुआ है| जैसे दक्षिण भारत लागातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। इसका मकसद सहयोगी व प्रतिस्पर्धा संघवाद को बढ़ावा देना है ताकि प्रदर्शन के आधार पर आंकलन कर बेहतर करने के लिए प्रेरित किया जा सके।
स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव प्रीति सुंदर ने कहा कि 2014 से पहले स्वास्थ्य के आधार पर आंकलन करने का कोई तरीका नहीं था। उन्होंने कहा कि इस तरह के सूचक से बेहतर परिणाम देने वालों को प्रोत्साहन मिलेगा।
वर्ल्ड बैंक इंडिया के कंट्री डायरेक्टर जुनैद अहमद ने कहा कि बाकी देशों के मुकाबले भारत में राज्यों को महत्व दिया जाना महत्वपूर्ण है जिससे विश्वबैंक को भी बहुत कुछ सीखने को मिला है। अन्य देशों में जहां केन्द्र समर्थित सोच आगे बढ़ रही है वहीं भारत में केन्द्र प्रायोजित सोच अन्य देशों के लिए भी रास्ता दिखायेगी।