नई दिल्ली, (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर तीखे अंदाज में हमला बोलते हुए उस पर देश के विभाजन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का देश में लोकतंत्र स्थापित करने का दावा सरासर गलत है और उसने देशहित को दरकिनार कर राजनीतिक स्वार्थ के तहत ही फैसले किए जिसका खामियाजा देश आज तक भुगत रहा है।
प्रधानमंत्री ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर शुरु हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस ने शुरु से ही अपने राजनीतिक स्वार्थ को ध्यान में रखकर फैसले किए, जिसका देश को आज तक खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। कांग्रेस और वाम दलों के भारी शोर और नारेबाजी के बीच प्रधानमंत्री ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि कांग्रेस को अहंकार है कि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और उसने देश को लोकतंत्र दिया। जबकि इसके उलट हकीकत ये है कि 15 अगस्त 1947 से पहले भी भारत था और लोकतांत्रिक व्यवस्था थी। उन्होंने कहा कि भारत में हजारों साल पहले से लोकतंत्र है। उन्होंने लिच्छवी साम्राज्य और बौद्धकाल की याद दिलाते हुए कहा कि उस वक्त गणराज्य की व्यवस्था थी जिसमें सहमति और असहमति का सम्मान होता था।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को इंगित करते हुए कहा कि खड़गे जी आप कर्नाटक से आते हैं और अपने गृहराज्य के जगदगुरु विश्वेश्वर का अपमान मत करिए। जिन्होंने 12 वीं शताब्दी में ऐसी व्यवस्था की थी जिनमें सब कुछ लोकतांत्रिक प्रक्रिया से होता था और महिलाओं की सदस्यता भी अनिवार्य थी।
उल्लेखनीय है कि चर्चा की शुरूआत में बीते मंगलवार को खड़गे ने कहा था कि भाजपा उन्हें लोकतंत्र न समझाए। प्रधानमंत्री ने इसका जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस के 15 में से 13 सदस्यों ने पटेल को प्रधानमंत्री बनाने के पक्ष में मतदान किया था और शेष तीन ने किसी के पक्ष में मतदान नही किया, बावजूद नेहरू प्रधानमंत्री बन गए। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने हैदराबाद हवाई अड्डे पर तत्कालीन मुख्यमंत्री, जो कि दलित समाज से आते थे, को सरेआम अपमानित किया। इतना ही नही, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और उनके मंत्रिमंडल के एक फैसले को उनके ही दल के एक पदाधिकारी ने संवाददाता सम्मेलन बुलाकर फाड़कर टुकड़े टुकड़े कर दिया। इसलिए कृपया कांग्रेस हमें लोकतंत्र का पाठ हरगिज न पढ़ाए।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेंस पर अपने हमले जारी रखते हुए कहा कि आपने देश को स्वीकार न कर एक परिवार को स्वीकार किया और उसके ही गीत गाते रहे इसीलिए आज आपको विपक्ष में बैठने की नौबत आई है। उन्होंने खड़गे के द्वारा शायर बशीर बद्र के एक शेर के जवाब देते हुए कहा कि खड़गे जी अगर आप उस शेर की दो लाइने और पढ़ दिए होते तो आपको पता चल जाता कि आज आप कहां खड़े हैं। श्री मोदी ने बशीर बद्र के शेर से ही खड़गे को जवाब देते हुए कहा कि, ‘जी चाहता है सच बोलें, क्या करें कि हौंसला नही होता’।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार बैंकिंग क्षेत्र को ताकत देने में लगी है जबकि पिछली सरकार ने चार साल के अंदर गैरनिष्पादित संपत्ति (एनपीए) यानि डुबे हुए ऋण को 18 लाख से 52 लाख करोड़ तक पहुंचा दिया था। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार पिछली सरकार के ‘पाप का ब्याज’ भर रही है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि वह केवल सड़कों-गलियों की सफाई में ही नहीं, देश को पीछे ले जाने वाले ‘आचार-विचार’ की भी सफाई करने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार को अपने कार्यकाल के दौरान की गई गलतियों का हिसाब देश को देना होगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष जितना उनकी पार्टी और सरकार पर कीचड़ फेंकेगा, कमल उतना ही खिलेगा।