राष्ट्रीय
आम बजट में व्यवसाई वर्ग और उद्योग जगत के हितों की उपेक्षा : यशवंत सिन्हा
By Deshwani | Publish Date: 7/2/2018 10:57:41 AMकोलकाता| मंगलवार को कोलकाता में चैम्बर आफ कामर्स द्वारा आयोजित की गयी व्यापारियों व उद्योगपतियों के समूह के साथ बजट पर चर्चा के बाद पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे | 2018-19 के बजट प्रस्तावों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए अपने एक घंटे के लंबे भाषण में उन्होंने कहा कि शेयर बाजार में वर्तमान गिरावट के लिए केंद्र सरकार दोषी है और दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 10% कर का प्रावधान पूरी तरह अविवेकपूर्ण फैसला है ।
पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने वर्ष 18-19 के लिए पारित आम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि आम बजट में व्यवसाय वर्ग और उद्योग जगत के हितों का ख्याल नहीं रखा गया और नहीं इस वर्ग के लोगों से बातचीत ही की गयी | उन्होंने कहा कि सांसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जो बजट दिया है उसमें अविवेकपूर्ण फैसले नजर आये हैं | बजट में वित्त मंत्री जेटली ने देश की एक बड़ी आबादी व समाज को निराश किया है और उनकी अपेक्षाओं को पूरा नहीं किया है |
सिन्हा ने कहा कि देश को हर साल अपनी वित्तीय योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए बजट प्रस्तुत करना होता है और यह सत्तारूढ़ दल का एक आधिकारिक दस्तावेज भी होता है । सरकार का 'सबसे गुप्त दस्तावेजों' में से एक बजट पत्र होता है जिसमें सरकार की योजनाओं , उसपर खर्च व वित्तीय योजनाओं आदि का ब्यौरा होता है | उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) की बढ़ती समस्या को बेअसर करने में मदद के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है | उन्होंने कहा कि हालांकि सरकार ने कुछ बैंकों के लिए इस वर्ष 80,000 करोड़ रुपये के एक सामान्य पुनर्पूंजीकरण निधि (तीन साल में कुल 2.1 लाख करोड़ रुपये के कुल प्रावधान में से) में देने की घोषणा की है, लेकिन यह राशि उद्देश्य को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है | उन्होंने कहा कि लंबित संरचनात्मक परियोजनाओं के लिए एक बड़े कोष के आवंटन की घोषणा एक स्वागत योग्य कदम है, मगर केंद्र सरकार जितना आर्थिक प्रगति चाहती है उतना इससे हासिल नहीं किया जा सकता है |