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राष्ट्रपति ने 52 लोगों व संस्थानों को किया राष्ट्रीय दिव्यांग जन पुरस्कार से सम्मानित
By Deshwani | Publish Date: 3/12/2017 6:46:24 PM
राष्ट्रपति ने 52 लोगों व संस्थानों को किया राष्ट्रीय दिव्यांग जन पुरस्कार से सम्मानित

नई दिल्ली, (हि.स.)। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने दिव्यांगों के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ को सर्वश्रेष्ठ राज्य, तमिलनाडु के मदुरै को सर्वश्रेष्ठ जिला और भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट टीम के कप्तान शेखर नायक को सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी और दिल्ली की तेजाब पीड़िता यासमीन मंसूरी सहित 52 लोगों तथा संस्थानों को ‘राष्‍ट्रीय दिव्‍यांग जन पुरस्‍कार 2017’ से सम्मानित किया। इस मौके पर सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत, सामाजिक न्‍याय और सहकारिता राज्‍य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, रामदास अठावले और विजय सांपला भी मौजूद रहे।

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने रविवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत, दिव्यांगजन अधिकारता विभाग द्वारा आयोजित समारोह में कुल 14 विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार दिए। इसमें कनार्टक और तेलंगाना को सात-सात, महाराष्ट्र को पांच, तमिलनाडु और केरल को चार-चार, दिल्ली और मध्य प्रदेश को तीन-तीन, चंडीगढ़, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश को दो-दो, हरियाण, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और पोंडिचेरी को एक-एक पुरस्कार मिला है। छत्तीसगढ़ को सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार मिला है। इन पुरस्कारों में दिल्ली के जिन तीन दिव्यांगों को पुरस्कृत किया गया है। उनमें यासमीन मंसूरी को सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग कर्मचारी/स्वनियोजित मानसिक मंदता (महिला) श्रेणी में राष्टीय दिव्यांग जन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वह दिल्ली के सरकारी अस्पताल में स्टाफ नर्स हैं। वह एक तेजाब हमले में मुंख, नाक, टांगों का संकुचन एवं विकार तथा एक आंख की क्षति के कारण 67 प्रतिशत दिव्यांग हो चुकी हैं। वहीं डॉ ज्योतसंनफानीजा बोल्ला को रोल मॉडल दृष्टिहीन और निम्न दृष्टि (महिला) राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। डॉ बोल्ला शत-प्रतिशत दृष्टिबाधित हैं और वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय के एआरएसडी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उनकी तीन किताबें, 10 लेख, 10 लघु कहानियां और कविताएं प्रकाशित हो चुकी हैं। इसके अलावा दिल्ली के ही अपूर्व ओम को रोल मॉडल श्रवण बाधित (पुरुष) राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे शत-प्रतिशत श्रवणबाधित हैं। विशेष श्रेणी में प्रथम यूनेस्को यूथ स्वयंसेवी अपूर्व ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यक्तियों एवं संगठनों की पेंटिग बनाई है, जिसमें यूनेस्को मुख्यालयों की एक पेंटिंग भी शामिल है।

सर्वश्रेष्ठ रचनात्‍मक बाल दिव्‍यांग का पुरस्कार गुजरात के मास्टर ओम जिग्नेश व्यास को दिया गया। वह पढ़-लिख नहीं सकते हैं फिर भी मात्र सुनकर एक हजार से अधिक धार्मिक भजन, श्लोक और मंत्र याद करने में सक्षम हैं। वहीं गुजरात की ही 30 वर्षीय पटेल सोनलबेन मनुबाई को महिला श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ दिव्यांगजन खिलाड़ी राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वह एक अंतरराष्ट्रीय पैरा टेबिल टेनिस खिलाड़ी हैं और वह विश्व रैंकिंग में 27वें पायदान पर हैं।

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