बिहार में नए घोटाले का खुलासा, 65 साल की महिला ने 13 महीने में आठ बच्चों को दिया जन्म
मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर से एक अजीबोगरीब घटना सामने आ रही है। दरअसल, यहां 65 वर्षीय एक महिला ने 13 महीनों के अंदर 8 बच्चों को जन्म दिया है। मेडिकल साइंस में तो इसे असंभव माना जाएगा लेकिन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की आड़ में इसे कागज पर सच कर दिखाया गया है। यह सारा खेल बच्चों के पैदा होने पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को हड़पने के लिए किया गया है। मुजफ्फरपुर जिले के मुसहरी प्रखंड में 65 वर्षीय एक महिला ने महज 13 महीनों में 8 बच्चों को जन्म दिया है।
मामला उजागर होने के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने जांच का आदेश दिया है। स्वास्थ्य मंत्री ने दोषी पाए जाने वाले लाेगों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही। मामले की जांच के लिए मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन ने भी जांच टीम का गठन किया है। सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि मुशहरी पीएचसी के प्रभारी डॉ. उपेंद्र चौधरी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जिले के सभी 16 पीएचसी से रिपोर्ट मांगी गई है।
मिली जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर के मुशहरी प्रखंड के छोटी कोठिया गांव की 65 साल की उम्र पार कर चुकीं शांति देवी के बैंक खाते में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत बच्चे को अस्पताल में जन्म देने पर मिलने वाली 14 सौ रूपये की राशि भेजी जा रही है। जबकि, उन्होंने 20 सालों के दौरान किसी बच्चे को जन्म नहीं दिया है। उनका सबसे छोटा बेटा 20 साल का है। शांति देवी के बैंक खाते में तीन जुलाई से तीन अगस्त तक 13 महीने के दौरान छह बार 1400 रुपये की राशि भेजी गई है। खास बात यह है कि शांति देवी के अनुसार इस गोरखधंधे का पता तक नहीं है। आठ बच्चों का जन्म दिखा राशि क्रेडिट होने के अगले दिन ही उनके खाते से रुपये निकाल लिए गए।
यह कहानी केवल शंति देवी की नहीं है। मुजफ्फरपुर के छोटी कोठिया की लीला देवी के खाते में भी 13 महीने के दौरान आठ बार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की योजना की 1400 रुपये की राशि भेज कर उसकी निकासी कर ली गई। लीला देवी को भी इसका पता नहीं चला। परिवार नियोजन का ऑपरेशन करा चुकीं लीला देवी को एक दशक से कोई बच्चा नहीं हुआ है, लेकिन कभी एक ही दिन दो बार तो कभी कुछ माह के अंतराल पर मुशहरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्चे का जन्म दिखाया गया।
खास बात यह भी है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में बच्चे के जन्म पर आशा कार्यकर्ता को भी छह सौ रूपये देने का प्रावधान है, लेकिन उक्त मामलों में आशा कार्यकर्ता को महिलाओं के गर्भवती होने की जानकारी नहीं है। योजना के तहत लाभुक महिलाओं और संबंधित आशा कार्यकर्ता के खातों में संबंधित पीएचसी प्रभारी के हस्ताक्षर से पैसे जाते हैं।
इस बाबत मुसहरी के पीएचसी प्रभारी डॉ. उपेन्द्र चौधरी क्लर्क के छुट्टी पर होने के कारण फिलहाल कुछ भी बताने में असमर्थता जता रहे हैं। सिविल सर्जन डॉ.एसपी सिंह इस घोटाले की तह तक जाने का भरोसा देते हैं। कहते हैं कि पूरे जिले में इसकी पड़ताल के लिए जांच टीम बना दी गई है। दोषी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।