पटना। पटना एम्स के निदेशक डा.पीके सिंह नेकहा कि एम्स में काक्लियर इनप्लांट होना बच्चों के लिए वरदान है। विशेष कर एम्स कम खर्च में काक्लियर इनप्लांट शुरू हो गया है। इस के लिए भारत और राज्य सरकार भी सहायता देती है और ईएनटी विभाग की इस उपलब्धि की सराहना भी।
शनिवार को पटना एम्स के ईएनटी विभाग में गत दो वर्षा में 50 सफल काक्लियर इम्प्लांट होने के अवसर आयोजित एक सीएमई का उदघाटन करते समय यह बाते कहीं। उन्होने कहा कि पटना एम्स का मकसद है कि कम खर्च में बेहतर और सस्ता इलाज हो। बीजे मेडिकल कालेज, अहमदाबाद डा.राजेश ने काक्लियर इमप्लांट की बारिकयों को विस्तृत जानकारी दी।
एम्स पटना की ईएनटी विभागाध्यक्ष डा.क्रांति भावना ने कहा कि एम्स पटना मेंकाक्लियर इम्प्लांट की सुविधा मई 2014 से शुरू हुई थी। तब से अब तक यहां 50 काक्लियर इम्प्लांटहो चुक है।
डा.भावना ने बताया कि काक्लियर इम्प्लांट के लिए केन्द्र सरकार की एडिप स्कीम, बिहार सरकार और पीएम रिलीफ फंड से मदद मिलती है, लिहाजा सर्ज री में मरीज के परिवार को बहुत कम खर्च ही वहन करना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि हमारा लक्ष्य है कि काक्लियर इम्प्लांट के जरिए बहरेपन को पूरी तरह खत्म किया जाए। साथ ही विभाग में अपना आडियोलाजी एवं स्पीच सेंटर स्थापित किया गया जाए ताकि मरीजों को इसके लिए बाहर नहीं जाना आईवाईज े मुंबई के निदेशक डाॅ.एके सिन्हा, पीएमसीएच के ईएनटी विभागाध्यक्ष डा.चंद्र शेखर और वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डा.बृज लाल ने भी अपने अपने विचार रखे।
इस मौके पर 02 साल से 15 साल की उम्र तक के लगभग 30 ऐसे बच्चे भी आए थे, जिनका
काक्लियर इम्पलांट एम्स पटना में हुआ था। इन सभी को छोटे-छोटे उपहार दिए गए। इस मौके पर एम्स पटना के चिकित्सक हृदय रोग विशेषज्ञ डा.सजीव कुमार, हडडी रोग विशेषज्ञ डा. सुदीप कुमार ,समेत मेडिकल छात्र भी मौजुद थे।