वैष्णो देवी की यात्रा निरंतर जारी, इन मंदिरों का दर्शन करना न भूलें, मिलेगा पुण्य लाभ
कटड़ा। लगातार साफ मौसम के चलते मां वैष्णो देवी की यात्रा निरंतर जारी है। श्रद्धालु सभी तरह के निर्देशों का पालन करते हुए निरंतर मां वैष्णो देवी के दर्शन कर परिवार की सुख शांति की कामना कर रहे हैं। इसी बीच रविवार को दोपहर तक मां वैष्णो देवी की यात्रा के दौरान प्रवेश द्वार दर्शनी ड्योढ़ी पर रैपिड टेस्ट को लेकर 3 श्रद्धालुओं की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई।
इनमें एक सेना का जवान जो वर्तमान में कटड़ा में आर्मी कैंप में तैनात है। दूसरी ओर 19 वर्षीय युवक निवासी जीवन नगर जम्मू और इसी तरह एक अन्य 40 वर्षीय व्यक्ति निवासी राजपुरा जम्मू प्रमुख है। प्रशासन द्वारा इन तीनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के उपरांत गांव पैंथल स्थित आइसोलेशन वार्ड में रेफर कर दिया गया।
वहीं रविवार को बाद दोपहर 2:00 बजे तक कुल 243 श्रद्धालु मां वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए भवन की ओर प्रस्थान कर चुके थे इनमें से 79 श्रद्धालु जम्मू कश्मीर के जबकि 164 श्रद्धालु देश के अन्य राज्यों के थे। इसी तरह रविवार को दिनभर मौसम साफ रहने के चलते इच्छुक श्रद्धालुओं को हेलीकॉप्टर सेवा को लेकर किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा और रविवार को करीब 150 श्रद्धालुओं ने इस हेलीकॉप्टर सेवा का लाभ उठाया।
दूसरी ओर श्रद्धालुओं को बिना किसी परेशानी के बैटरी कार सेवा, पैसेंजर केबल कार सेवा निरंतर उपलब्ध हो रही है। वैष्णो देवी भवन पर रहने के लिए भी श्रद्धालुओं को फिलहाल किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। श्रद्धालु पूरे जोश के साथ जयकारे लगाते हुए निरंतर अपनी वैष्णो देवी यात्रा कर रहे हैं।
बता दें कि श्रद्धा और आस्था से परिपूर्ण वैष्णो देवी की यात्रा को जाने वाले हर श्रद्धालु की अभिलाषा होती है कि वह हर उस स्थान पर नमन करते हुए माता के दरबार तक पहुंचे, जहां पर कभी मां भगवती ने विश्राम किया था। कोल कंडोली, देवा माई, भूमिका मंदिर, दर्शनी ड्योढ़ी, बाण गंगा, चरण पादुका, अर्द्धकुंवारी, भैरों मंदिर आदि ऐसे पड़ाव हैं, जो वैष्णो देवी यात्रा का प्रमुख हिस्सा हैं।
आज हम आपको भूमिका मंदिर का महत्व बताएंगे
वैष्णो देवी की यात्रा जहां से शुरू होती है उसके सबसे पहले पड़ाव में भूमिका मंदिर है। इस मंदिर में माता वैष्णो देवी जी ने अपने परम भक्त को दर्शन दिए थे। माता के ही आशीर्वाद से उनके भक्त का उद्धार हुआ था। इस मंदिर की मान्यता है कि जो श्रद्धालु मां वैष्णो देवी जी के दर्शनों के बाद यहां आकर कन्या पूजन करता है तो मां भगवती उसकी सभी मनोकामना पूरी करती है। प्राचीनकाल से ही इस तीर्थ स्थल का विशेष महत्व है। आज भी जो श्रद्धालु इस पवित्र स्थल के महत्व के बारे में जानते हैं, वह मां वैष्णो देवी के दर्शनों के बाद भूमिका मंदिर में माथा टेककर कन्या पूजन करते हैं। इसके उपरांत ही श्रद्धालु अपनी यात्रा को संपूर्ण मानते हैं।
पौराणिक कथा के अनुसार एक दिन बाबा श्रीधर को मां वैष्णवी ने एक दिव्य कन्या के रूप में दर्शन दिए। मां ने उन्हें आदेश दिया कि वह भंडारे का आयोजन करें तथा उसमें सभी विद्वानों व ब्राह्मणों को आमंत्रित करें। मां के आदेश अनुसार श्रीधर भंडारे के आयोजन में जुट गए। उसके बाद नगर के विद्वानों तथा ब्राह्मणों को आमंत्रित करने पहुंचे, लेकिन उनको चिंता सता रही थी कि वे भंडारे में भोजन की व्यवस्था कैसे करेंगे। सुबह जब वह उठे तो भंडारे की व्यवस्था देख दंग रह गए। भंडारा शुरू हुआ और श्रीधर ब्राह्मणों को भोजन परोसने में जुट गए।
कहा जाता है कि भैरो नाथ भी अपने शिष्यों के साथ भंडारे में पहुंचा। उसने श्रीधर व कन्या रूपी मां वैष्णवी से मांस व मदिरा की मांग की। माता ने जब मांस मदिरा देने से इंकार किया तो भैरो नाथ माता के साथ अभद्र व्यवहार पर उतारू हो गया। इसी कारण मां वैष्णो वहां से अंतरध्यान होकर त्रिकुटा पर्वत की ओर प्रस्थान कर गई।
भूमिका मंदिर की मान्यता इसलिए भी बढ़ जाती है कि माता वैष्णो देवी ने त्रिकुटा पर्वत में बनी गुफा तक पहुंचने की शुरुआत इसी स्थान से शुरू की थी। बताया जाता है कि माता के आशीर्वाद से श्रीधर बाबा के यहां 4 पुत्रो ने जन्म लिया। उसके बाद पीढ़ी दर पीढ़ी बाबा श्रीधर का परिवार फलता फूलता रहा। आज भी माता वैष्णो देवी भवन का मुख्य मंदिर हो या कटरा का भूमिका मंदिर यहां के मंदिरों की पूजा श्रीधर बाबा के वंशजो के जिम्मे ही है।