आज देश के विभिन्न हिस्सों में बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा मकर संक्रांति का त्यौहार
नई दिल्ली। मकर संक्रांति का त्यौहार देश के विभिन्न हिस्सों में मनाया जा रहा है। वैदिक हिंदू दर्शन के अनुसार मकर संक्रांति सूर्य का त्यौहार है जो सभी ग्रहों के राजा माने जाते हैं। मकर संक्रांति सूर्य के उत्तरायण होने के अवसर पर मनाया जाता है। मकर संस्कृत का शब्द है जो एक राशि का नाम है और संक्रांति का मतलब है परिवर्तन। इस तरह यह शीत ऋतु के दौरान उत्तरी गोलार्ध में सूर्य का धनु राशि से मकर में परिवर्तन है। इस अवसर पर चावल, गुड़, हरे चने और तिल से बने पकवान बनाए जाते हैं।
मकर संक्रांति के उत्सव का उत्साह पारंपरिक विश्वास से गहराई से जुड़ा है। धर्मग्रंथ श्री मदभगवत गीता में भी उत्तरायण का महत्व ईश्वर से मिलने वाले आर्शीवाद और पृथ्वी पर श्रेष्ठता प्राप्त करने के उचित समय से जोड़ा गया है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन से निराशा दूर होती है और नए उत्साह का संचार होता है। यह त्यौहार अच्छी फसल, खुशहाली और सौभाग्य प्रदान करने के लिए प्रकृति के प्रति आभार के तौर पर भी मनाया जाता है। गुजरात में भी मकर संक्रांति के अवसर पर लोग पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ पतंगें उड़ा रहे हैं।
केन्द्रीय गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह का भी आज अपने गृह नगर अहमदाबाद में मकर संक्रांति का उत्सव मनाने का कार्यक्रम है। आंध्र प्रदेश में यह त्यौहार चार दिन चलता है और इसे वहां भोगी, संक्रांति, कानूमा और मुकानुमा के रूप में मनाया जाता है। समूचे राज्य में इस त्यौहार को मनाने की परंपरा मिली-जुली है।
इस दौरान बड़ी संख्या में पतंगें उड़ाई जाती हैं, लोग नए कपड़ों, किताबों और घरेलू सामानों की खरीदारी करते हैं और तिल-गुड़ की विशेष मिठाईयां बनाते हैं। धान का कटोरा के रूप में जाने जानेवाले पूर्वी और पश्चिमी गोदावरी जिलों में यह त्यौहार बड़े स्तर पर मनाया जाता है। इस अवसर पर आंध्र के विभिन्न इलाकों में पतंग और रंगोली उत्सव मनाए जा रहे हैं।