दिनभर की भागदौड़ के बाद अगर रात को 6-7 घंटे भी सोने को मिल जाएं तो सारी थकान उतर जाती है। मगर कई बार साथ वाले व्यक्ति के खर्राटों, नींद में बड़बड़ाने या किसी के बीमारी के कारण आपका नींद पूरी नहीं हो पाती। इसके अलावा एक कारण ओर भी है जिसके कारण आपकी नींद खराब हो जाती है। क्या आपने कभी नींद में झटके महसूस किए है? क्या आपको लगा है कि आप कहीं से गिर गए हों? या गहरी नींद में होते हुए आप अचानक उछल पड़ते हैं। अगर ऐसा है तो आप हाइपेनिक जर्क के शिकार है। आइए जानते है कि ऐसा क्यूं होता हैं?
जब रात को आप गहरी नींद में सो रहे होते हैं तो अचानक आपको झटके आने लगते है। ऐसा तब होता है जब आप सपना देख रहे होते हैं। कभी-कभी तो आप अचानक चिल्लाने भी लगते है। इस अवस्था को 'हाइपेनिक जर्क' कहा जाता है। एक रिसर्च के अनुसार दुनिया भर में 70 प्रतिशत लोग इस स्थिति को जरूर महसूस करते हैं।
यह कोई रोग नहीं है और ना ही कोई नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर है। दरअसल, सोने और जागने के बीच का समय हाइपोजेनिक स्टेज कहलाती है, जिसमें आप समझ नहीं पाते कि आप जाग रहे हैं या सो रहे हैं। यह एक हिमागी रिएक्शन है, जिसमें दिमाग की नसों में संकुचन होता है और आप संभल भी नहीं पाते है। इसलिए नींद में आप जो भी देखते है वो आपको सच लगता है। इसी वजह से आप भी गिर जाते है या जोर-जोर से चिल्लाने लगते हैं।
हाइपेनिक जर्क का मुख्य कारण तनाव, चिंता और अवसाद है। भागदौड़ भरी इस जिंदगी में दिनभर थकने के बाद भी आप देर रात तक टीवी देखते रहते हैं या काम करते हैं। इसके कारण आपके दिमाग को सही तरीके से आराम नहीं मिल पाता। वैसे तो कभी कभी-कभी यह डिसऑर्डर भी हो सकता है लेकिन आजकल ज्यादा यह प्रॉब्लम दिमाग को रेस्ट न मिलने के कारण होती है। इसके अलावा यह प्रॉब्लम निद्रा-अनिद्रा की स्थिति, कैफीन की अधिक मात्रा लेने, शराब घुम्रपान का सेवन, आयरन की कमी और मांसपेशियों की ऐंठन के कारण होती है। कई बार यह समस्या उतेजित करने वाली दवाओं के वजह से भी हो जाती है।
छोटा हो या बड़ा, हर व्यक्ति के लिए कम से कम 8 घंटे की नींद लेना जरूरी है। अपनी नींद पूरी करें और रोजाना सुबह एक ही समय पर उठने की कोशिश करें। सोने से पहले गर्म पानी से नहाकर थोड़ा रिलैक्स हो जाएं।
रात को सोने से पहले कॉफी, चाय, कैफीन या सोडा न पीएं। इसके अलावा रात को सोने से पहले कोई भी तनावपूर्ण काम न करें और न ही दिमाग पर जोर पड़ने वाला कोई काम करें।
कई बार आयरन की कमी के कारण भी यह डिसऑर्डर हो जाता है। ऐसे में अपनी डाइट में आयरन, मैग्नीशियम और कैल्शियम से भरपूर चीजों को शामिल करें। आयरन की कमी को पूरा करने के लिए रोज दूध, दही, केले और नट्स खाएं।