देश में इस साल दो चंद्र ग्रहण होंगे, पहला 31 जनवरी को और दूसरा 27 जुलाई को होगा। चंद्र ग्रहण पुष्य नक्षत्र में होने से उम्मीद जताई जा रही है कि अच्छी बारिश होगी और महंगाई भी घटेगी। इस साल तीन सूर्य ग्रहण भी होंगे लेकिन देश के किसी भी हिस्से में दिखाई नहीं देंगे। सूर्य ग्रहण दिखाई न देने से लोगों पर प्रभाव भी नहीं पड़ेगा।
पंडित वेद प्रकाश महमिया ने बताया कि पहला चंद्र ग्रहण पुण्य, अश्लेषा नक्षत्र व कर्क राशि में पूर्णिमा को बुधवार को होगा। यह चंद्र ग्रहण कर्क राशि वालों के लिए पीड़ादायक होगा। महमिया के अनुसार चंद्र ग्रहण के कारण बारिश के साथ ही कुछ जगह ओले और भारी वर्षा का योग है। ग्रहण का सूतक सुबह 8.20 बजे प्रारंभ होगा। ग्रहण की छाया शाम 5.18 बजे चंद्रमा का स्पर्श कर लेगी। इसके बाद 6.22 से खग्रास काल प्रारंभ हो जाएगा। ग्रहण का मध्य समय शाम सात बजे होगा व 7.38 बजे पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। इसके बाद 8.41 पर मोक्ष होगा। पूरा ग्रहण काल तीन घंटे 23 मिनट का रहेगा।
पं. महमिया ने बताया कि इस बार चंद्र ग्रहण का अच्छा प्रभाव पड़ेगा। गेहूं और सरसों की फसल अच्छी होगी। साथ ही मूल्य वृद्धि में भी गिरावट आएगी। इस साल 15 फरवरी, 13 जुलाई व 11 अगस्त को सूर्य ग्रहण होंगे। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगे। धार्मिक मान्यता है कि जो ग्रहण दिखाई नहीं देते उनके सूतक, लाभ व हानि पर विचार नहीं किया जाता। इस कारण भारत में इस ग्रहण का असर नहीं होगा।
ग्रहण के समय जिन पदार्थों में तुलसी की पत्तियां डाल दी जाती हैं वे दूषित नहीं होते। ग्रहण प्रारंभ होने से पूर्व पके हुए भोजन, दूध, दही, घी, मक्खन, अचार, तेल व पीने के पानी में तुलसी पत्र डाल देना चाहिए। इससे दूषित नहीं होते। ग्रहण शुरू होने से अंत तक भोजन नहीं करना चाहिए। गाय को घास, पक्षियों को दाना और गरीबों को वस्त्र दान करने से ज्यादा पुण्य होता है। जिनके लिए चंद्र ग्रहण अशुभ है, ऐसी राशि वालों, रोगी एवं गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण नहीं देखना चाहिए। ग्रहण के समय ईश्वर आराधना, संकीर्तन व मंत्र जाप करना चाहिए। ग्रहण के दौरान खाद्यान दूषित हो जाते हैं इसलिए इसलिए भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए।