बिहार
देश के हज़ारों स्कूलों में पढ़ाई जाएगी मोतीहारी के अनुपम की कविता
By Deshwani | Publish Date: 24/12/2022 11:23:05 PM• तीसरी कक्षा की पाठ्यपुस्तक में शामिल हुई युवा कवि अनुपम प्रियदर्शी की बाल-कविता
• महज़ 24 वर्ष के उम्र में हासिल की यह उपलब्धि
• डॉ. कुमार विश्वास द्वारा लिखित आठ पाठ्यपुस्तकों के संपादक भी रह चुके हैं अनुपम
मोतिहारी। कोरोना-काल के दौरान शहर में कोविड केयर सेंटर की शुरूआत करके सुर्ख़ियों में आने वाले मोतीहारी के युवा कवि अनुपम प्रियदर्शी एक बार पुनः शहर में चर्चा का विषय बने हुए हैं। इस बार चर्चा की वजह अनुपम की एक ऐसी साहित्यिक उपलब्धि है जिसपर पूरा शहर गर्वित है। अनुपम की कविता देश के सर्वाधिक लोकप्रिय कवि डॉ. कुमार विश्वास द्वारा लिखित कक्षा तीसरी की पाठ्यपुस्तक में शामिल हुई है। एक बड़े प्रकाशन समूह द्वारा प्रकाशित इस पाठ्यपुस्तक में शामिल अनुपम की कविता अब देश भर के हज़ारों स्कूलों में पढ़ाई जाएगी। अपनी इस उपलब्धि की सूचना अनुपम ने अपनी फ़ेसबुक पोस्ट के ज़रिए दी है। उस पोस्ट पर उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज की प्राचार्या प्रो. रमा सहित देशभर के अनेक बड़े कवियों व बुद्धिजीवियों ने बधाई दी है। अनुपम पाठ्यपुस्तक में शामिल होने वाले देश के सबसे कम उम्र के युवा-कवि हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग से “आधुनिक हिंदी कविता की वाचिक परंपरा के पुनर्जीवन में डॉ कुमार विश्वास का योगदान” विषय पर पीएचडी कर रहे अनुपम शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता रमाकान्त पांडेय के पुत्र हैं तथा उन्होंने अपनी बारहवीं तक की पढ़ाई मोतीहारी के ही सीएसडीएवी स्कूल से पूरी की है। दिल्ली विश्विद्यालय के हंसराज कॉलेज से स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे JRF और NET उत्तीर्ण करके शोध तथा रचनात्मक लेखन के क्षेत्र में सक्रिय हैं। अपनी PHD के साथ-साथ अनुपम फ़िल्म-जगत के लिए भी लेखन का कार्य कर रहे हैं तथा हाल ही में ज़ी टीवी पर प्रसारित देश के पहले आध्यात्मिक रियलिटी शो स्वर्ण स्वर भारत के सह-लेखक भी रह चुके हैं। अनुपम ने डॉ. कुमार विश्वास के निर्देशन में कक्षा एक से आठ तक की आठ पाठ्यपुस्तकों का संपादन भी किया है जो देश के हज़ारों स्कूलों में पढ़ाई जा रही हैं। अनुपम की इस उपलब्धि पर शहर के सभी प्रबुद्ध नागरिकों ने उन्हें बधाई व मंगलकामनाएँ देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।