जफर इमाम व असलम नामक मानव तस्कर नेपाली युवतियों अरब ले जाने की फिराक में थे, चंगुल से कराया गया मुक्त
रक्सौल।अनिल कुमार। रविवार को देर शाम रक्सौल एसएसबी के फ्रिक्सिंग पोस्ट के पास से दो नेपाली लड़कियों को अलग-अलग समय पर नियंत्रण में लेकर नेपाली पुलिस और एनजीओ के माध्यम से परिजनों को सौंपा गया। उन लड़कियों को तस्करों के शिकंजे से मुक्त कराया गया।
फिर इन्हें एंटी ह्युमन ट्रेफिकिंग यूनिट टीम रक्सौल द्वारा नेपाल पुलिस के माध्यम से वीरगंज नेपाल के मायती नेपाल नामक संस्था के सरंक्षण में सौंपा गया। इसके पूर्व रक्सौल के लोकल एनजीओ बचपन बचाओ आन्दोलन व चाइल्ड लाइन केयर सब सेंटर द्वारा विशेष काउंसिलिंग भी की गयी।
युवतियों ने बताया है कि जफर इमाम नामक व्यक्ति शादी का झांसा देकर अरब भेजने की फिराक में था। जबकि मुक्त कराई गई दूसरी युवती से पता चला है कि बेतिया निवासी असलम अपने को हिन्दू नाम राज रखकर शादी का प्रलोभन दे रहा था।
एसएसबी 47 बटालियन के कमाण्डेन्ट प्रियव्रत शर्मा के विशेष निर्देश पर शाम में एएचटीयू टीम द्वारा दो नेपाली युवतियों को तस्करों के हाथो में जाने रोक दिया गया। एएचटीयू टीम के इंचार्ज इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा जब क्षेत्र में गश्त में थे तब देखा कि एक लड़की निर्भया उम्र(24 साल) अनावश्यक इधर उधर भटक रही है। तथा फ़ोन पर किसी के साथ परेशान लग रही है। तो एएचटीयू टीम ने उसको रोका तब उससे पूछा गया कि कोई समस्या है ? तो उसने मना किया कि नहीं, कोई समस्या नहीं। लिहाजा टीम समझ गयी थी कि कुछ समस्या है।
अत: टीम ने निर्भया के मनोवैज्ञानिक दशा और रूप से समझ कर उसे भरोसे में ले कर जब बात की गयी तो निर्भया ने जानकारी दी कि फेसबुक से जफ़र इमाम नाम के व्यक्ति ने मुझ से दोस्ती की थी। और मुझे सऊदी अरब घुमाने के लिए बुलाया था। वह मुझ से शादी भी करना चाहता है और मेरे लिए हमेशा बहुत प्यार दिखाता है। उसने मुझे रक्सौल रेलवे स्टेशन पर बुलाया था। पर जब मैं रेलवे स्टेशन पर आयी तो वह वहां नहीं था।
फिर उसने फ़ोन कर के कहा कि तुम घोड़ासहन आ जाओ मैं तुम्हे यहीं मिलूंगा मैंने कहा कि मैं तुम्हारे लिए 14 घंटे सफ़र तय कर यहा आई और तुम यहां पास हो कर भी नहीं आ सकते। बस इसी चिंता में मैं परेशान हूँ।
टीम समझ गयी कि जफ़र इमाम नाम का व्यक्ति है और लड़की से झूठा प्रेम दिखा कर इसे बुलाया है और भविष्य में निर्भया को विदेशों मे बिक्री करने जैसे गलत कार्यों में सलिंप्त करने का इरादा रखता होगा। टीम ने लड़की को समझाया व और इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा ने जब जफ़र इमाम के व्यक्ति से सम्पर्क करने की कोशिश की तो उसने अपना फ़ोन नंबर बंद कर लिया था और एएचटीयू टीम ने निर्भया को नेपाल पुलिस को एनजीओ मायती नेपाल के सरंक्षण में सौप दिया गया।
अभी एक निर्भया को तस्कर से बचाया ही गया था कि उसके एक घंटे बाद एक और निर्भया रेस्क्यू की गयी। यह मेराज का पुत्र असलम, बेतिया के साथ कभी इधर कभी उधर जाते दिखे तो इससे टीम ने बुलाकर पूछताछ की तो लड़के ने पहले कहा कि हम निकाह(शादी) करेंगे, पर वह थोड़ी थोड़ी देर में अपने बयान बदल रहा था।
अत: इस दूसरी निर्भया जो काठमांडू में अपनी बहन के साथ रहती है। इसके माँ बाप नहीं ।हैं इसे मेराज ने अपना हिन्दू नाम “राज” बताया था तथा धर्म भी गलत बता कर शादी का प्रलोभन दे कर ले कर आया था। निर्भया को कहा था कि घर वालों को मत बताना।
निर्भया के घर में नंबर ले कर जब बात की गयी तो उन्होंने कहा हम लोग निर्भया को ले कर बहुत परेशान हैं। हमने पुलिस में रिपोर्ट कराई है। अत: दोनों पीडिताओं को नेपाल पुलिस को सुरक्षित सौंप दिया गया
इस संदर्भ मे एसएसबी कमान्डेंट प्रियव्रत शर्मा इंस्पैक्टर मनोज कुमार शर्मा को व एएचटीयू टीम को शुभकामनाएं दी।
उन्होंने बताया कि नेपाल से हर साल लगभग 30,000 निर्भयाओं को बहला फुसलाकर भारत में लाया जाता है। उसके बाद अन्य देशों में गलत कार्यों में धकेल दिया जाता है इसके लिए नेपाल नागरिकों को भी जागरूक होना होगा। इसके साथ सभी रक्सौल वासियों से अनुरोध किया कि मानव तस्करी को लेकर कुछ भी जानकारी मिले तो हमें अवश्य जानकारी दें। जिससे किसी निर्दोष निर्भया का जीवन बचाया जा सके। टीम में सब इंस्पेक्टर वन्दना देवी, मुख्य आरक्षक संजीव कुमार गुर्जर, आरक्षी विकास चौधरी इत्यादी ने सहयोग किया।