रक्सौल। अनिल कुमार। सरकार द्वारा जारी किये गए शिक्षक सेवा शर्त से असंतुष्ट होकर शिक्षकों में फिर से एक बार रोष व्यापत होता नजर आ रहा है। शनिवार को स्थानीय बीआरसी के प्रांगण में शिक्षक संघ बिहार के आह्वान पर प्रखंड इकाई रक्सौल के बैनर तले शिक्षकों द्वारा अपने विभिन्न मांगों के समर्थन में एकदिवसीय उपवास रखा गया। जिसकी अध्यक्षता प्रखंड अध्यक्ष विजय कुमार ने किया। वही संचालन संग़ठन सचिव संतोष कुमार कुशवाहा द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में वरीय जिला उपाध्यक्ष मनिंद्र सिंह ने कहा कि सरकार जब तक समान वेतन, राज्य कर्मी का दर्जा, पुरानी सेवा शर्त एवं पेंशन लागू नही करेगी, आंदोलन जारी रहेगा।मौके पर जिला संगठन सचिव राजू सिंह, किशुन देव महतों, नीरज उपाध्याय, संजय बैठा, अविनाश कुमार, उमाशंकर ठाकुर, संजीव कुमार, सोनू कुमार, परशुराम बैठा, ओम प्रकाश बैठा, फारुक अहमद व ओम प्रकाश तिवारी सहित सैकड़ों शिक्षकों मौजूद थे।वही आदापुर में शिक्षक संघ बिहार राज्य इकाई के आह्वान पर प्रखण्ड संसाधन केंद्र के सामने सामूहिक उपवास किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्रखण्ड अध्यक्ष नुरुल्लाह मिया ने किया। शिक्षको को संबोधित करते हुए प्रखंड अध्यक्ष ने कहा कि सरकार के द्वारा घोषित सेवा शर्त एवम वेतन वृद्धि हम शिक्षको के साथ धोखा है। जिसका खामियाजा सरकार को विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा।
जिला उपाध्यक्ष संजीव कुमार चौबे ने कहा कि राज्य के मुखिया अगर ये समझते है कि इस नेपाली सेवाशर्त से बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षक उनके भर्म जाल में फसकर उन्हें चुनाव में वोट करेगी तो ये उनका गलतफहमी है।हमारी मांगो समान वेतन, समान सेवाशर्त, राज्य कर्मी का दर्जा, जो राजनीति दल अपनी चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करेगी उसी दल को हमारा समर्थन रहेगा। जिला संगठन सचिव नेकमहम्मद ने कहा कि जब तक हमारी मांगी को सरकार नहीं मानती है, तब तक शिक्षको का आंदोलन जारी रहेगा। इसी कड़ी में 3 सितम्बर को मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री का पुतला दहन, 5 सितम्बर को संकल्प दिवस का कार्यक्रम किया जाएगा।
मौके पर सलाहूदिन, हिजबुल्लाह, ग़ालिब , सिकंदर आजम, इर्शादुल्लाह फैजुल्लाह, सगीर आलम, राकेश कुमार,रामाधार कुशवाहा, सुनील भारती, नागेन्द्र प्रसाद, जगदीश राम, सुरेंद्र प्रसाद, प्रभु पासवान, हरिंदर प्रसाद,नौशाद आलम, प्रमिला सिंह, कलावती देवी, सरिता माला ,तौफ़ीका खातून, इमरान अली, अफरोज आलम सहित सैकड़ो शिक्षक उपस्थित थे।