रक्सौल। अनिल कुमार। पिछले चौदह घंटे से लगातार हो रही बारिस से नगर परिषद का क्षेत्र पानी - पानी हो गया है। शहर का ऐसा कोई गली व मोहल्ला नहीं है जहां सड़कों पर जलजमाव का नजारा नहीं दिख रहा हो। हालांकि नप प्रशासन द्वारा मौनसून पूर्व नाले की उड़ाही व सफाई की गई है।
किन्तु वह संतुष्ट जनक नही था। जिससे कई मोहल्लों में अतिक्रमण के शिकार व जाम पड़े नाले की उड़ाही एवं सफाई सही ढंग से नहीं किये जाने से जल निस्सरण की समस्या उत्पन्न होने से बारिस से सड़कों पर जलजमाव का नजारा दिख रहा है। शहर के कौड़िहार चौक से कॉलेज रोड़ की तरफ जाने वाली सड़क, अम्बेडकर बस्ती, खटीक टोला , प्रेम नगर, परेउवा, इस्लामपुर, गांधीनगर, रामजानकी मंदिर से पुराना एक्सचेंज रोड़ डंकन हॉस्पिटल का इलाका,कस्टम से मालगोदाम रोड सहित आठ से अधिक मोहल्लों में सड़कों पर बजबजाती नालियों का गंदा पानी बह रहा है। जिससे इन मोहल्लों के लोगों को बाजार से खरीदारी करने व जरूरी काम से बाहर निकलने में जहां कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं बजबजाती नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बहने से मोहल्ले वासियों में कई तरह की संक्रमक बीमारियों के फैलने की आशंका बढ़ गई है। जो नप प्रशासन के सफाई व्यवस्था के दावे का पोल खोलता नजर आ रहा है।जबकि नप प्रशासन द्वारा सिर्फ सफाई के नाम पर 18 से 20 लाख रुपये की राशि प्रतिमाह खर्च की जाती है।
इस बावत राजू गुप्ता, टिंकू मियां, अनिल साह, आशा देवी, अमरीश कुमार, राजेश श्रीवास्तव, दिनेश कुमार, राधेश्याम आदि मोहल्ले वासियों का कहना है कि नप प्रशासन द्वारा मौनसून पूर्व नाले की उड़ाही व सफाई सही ढंग से नहीं किए जाने से बरसात में जल निस्सरण की उत्पन्न हो गई है।
जिससे जाम पड़े नाले के गंदे पानी का जलजमाव सड़कों पर हो गया है। उनलोगों को बाहर आने - जाने में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। सबसे ज्यादा परेशानी तो बच्चे , बूढ़े एवं महिलाओं को हो रही है। जो सड़कों पर हुए जलजमाव में गिरकर चोटिल हो जा रहे है।
इधर इस बावत नप के ई ओ गौतम आनंद ने बताया कि पूर्व से ही नाले की उड़ाही व सफाई कार्य नप प्रशासन द्वारा जारी है। कहीं नाले की उड़ाही व सफाई कार्य शेष रह गया है तो उसे शीघ्र पूरा कराया जाएगा।