तुरकौलिया में मंगेतर के पड़ोसियों ने लड़के को पकड़ा, रात्रि में ही बिना लगन व मंडप कराया, चट मंगनी पट बियाह, चुपके-चुपके आया था मिलने
मोतिहारी। तुरकौलिया से आशा कुमारी की रिपोर्ट।
शादी ठीक हो गई थी। दिन तारीख भी तय थी। यानी शादी अगले साल होनी थी। लिहाजा होने वाले दुल्हे को एक दिन एक वर्ष की तरह लग रहा था। बेचैनी इतनी हुई कि भावी दुल्हा बिना परिजन को बताए अपने अपनी मंगेतर से मिलने रविवार की रात्रि तुरकौलिया के माधोपुर चला आया था।
लेकिन पड़ोसियों को इस बात की भनक लग गई और उन्होंने मिलकर बिना खर्चे के उसी रात बिना लगन व मंडप कराया, चट मंगनी पट बियाह। दोनों प्रेमिका-प्रेमिका ने जनम-जनम साथ निभाने की कसमें खाई। तुरकौलिया के माधोपुर मठ स्थित रामजानकी दरबार में जोड़े को प्रणय सूत्र में बांध दिया गया।
और इस तरह कन्हैया को बिना लगन ही उसकी जीवन संगिनी मिल गई। इस अनुपम शादी को देखकर लोगा काफी रोमांचित थे। शादी की रश्में पूरी होने तक लोग मंदिर में मौजूद रहे।
माधोपुर मठ स्थित रामजानकी मंदिर में वैदिक रीति-रिवाज के बीच दोनों का विवाह करा दिया। विवाह का पूर खर्च स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि डॉ. आलेक रंजन ने उठाया। विवाह के गवाह बने मठाधीश भागवत दास, मुखिया मंजुषा कुमारी, सरपंच प्रतिनिधि असगर अली व गांव के अन्य संभ्रांत लोगों ने नई जोड़ी को आशीर्वाद देकर सोमवार की सुबह विदा कर दिया।
मुखिया प्रतिनिधि डॉ. आलोक रंजन ने बताया कि माधोपुर निवासी स्व. विश्वनाथ पंड़ित की पुत्री प्रमिला का विवाह हरसिद्धि के मठलोहियार अहिरटोली निवासी सुखदेव पंड़ित के पुत्र कन्हैया कुमार से होनी थी। कन्हैया के बड़े भाई का विवाह अभी नहीं हुआ है, इस कारण यह शादी अगले वर्ष होनी थी।
कन्हैया के माता-पिता व भाई दिल्ली में काम करते है। विगत सप्ताह उसके माता-पिता दिल्ली से आए हैं जो वर्तमान में मठलोहियार स्थित क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे हैं। इसकी परवाह ना करते कन्हैया अपनी होने वाली पत्नी से मोबाइल पर बात कर उससे मिलने माधोपुर पहुंच गया। यहां आने की सूचना व स्थिति के बारे में उसके परिजनों को बताया गया। सूचना पर पहुंचे उसके चाचा व गांव के अन्य लोगों की सहमति के बाद दोनों का विवाह करा दिया गया। चट मंगनी पट विवाह को देखने के लिए ऐतिहासिक माधोपुर मठ परिसर में रविवार की रात्रि स्थानीय लोगों की भारी भीड़ रही।