अम्बेडकर ज्ञान मंच, रक्सौल द्वारा राष्ट्रीय संविधान दिवस समारोह का आयोजन, बाबा साहेब को किया याद
रक्सौल।अनिल कुमार। बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ऐसे महान व्यक्ति थे, जिनकी बदौलत आज कमजोर वर्गों को भी आगे बढ़ने का अवसर मिला। वे विपरीत परिस्थितियों में भी देश के संविधान की रचना कर कमजोर वर्गों के हितों की रक्षा की। उक्त बातें अम्बेडकर ज्ञान मंच, रक्सौल द्वारा आहूत राष्ट्रीय संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अनुमंडल पदाधिकारी अमित कुमार ने मंगलवार को भारतरत्न संविधान निर्माता बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि उस समय देश के सभी राष्ट्रीय विभूतियों की इच्छा थी कि कमजोर वर्गों का उत्थान हो, क्योंकि शुरुआत में जैसे ही कुछ मतभेद हुए बाबा साहेब संविधान लिखने की जिम्मेदारी से हटने लगे तो नेहरूजी ने उन्हें इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को नही छोड़ने का आग्रह किया। फ़लतः वे संविधान की रचना बखूबी तरीके से पूरा किया।
एसडीओ ने कहा कि अगर कमजोर वर्गों को कुछ मिलता है तो वह संविधान की बदौलत ही मिलता है, इसलिए हमें बाबा साहेब के आदर्शों को आत्मसात करके ही शिक्षा के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने की जरूरत है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अम्बेडकर ज्ञान मंच के संस्थापक मुनेश राम ने कहा कि संविधान से बढ़कर कोई ग्रन्थ नही है। संविधान ने हमें अधिकार व कर्तव्य दिए है। जिसके अनुपालन से ही देश में समता, स्वतंत्रता, न्याय-बंधुत्व के साथ स्वस्थ व स्वच्छ भारत की एकता, अखंडता व विकास सुनिश्चित है। हम देश की एकता, अखंडता व संप्रभुता की रक्षा के प्रति दृढ़ संकल्पित है। संविधान हमारा सुरक्षित रहे, इसके लिए सामाजिक जागरूकता की जरूरत है। कृतज्ञ राष्ट्र ने इस पावन मौके पर बाबा साहेब को नमन करते हुए राष्ट्रीय संविधान दिवस मना रहा है।
संरक्षक राजेन्द्र राम ने संविधान को समाज व देश का पथ-प्रदर्शक करार देते हुए कहा कि इसे आत्मसात करके ही समाज व देश की उन्नति हो सकती है। उपस्थित लोगों को संविधान के प्रस्तावना की शपथ दिलाई गई।
इस मौके पर दिल्ली छात्र संघ के नेता मो. जैद, बिट्टू कुमार गुप्ता, भाग्य नारायण साह, शिक्षक सकलदेव राम, अवधेश प्रसाद, संतोष कुमार, ताराचन्द्र कुमार, प्रकाश पासवान, सुनील राम, गौतम कुमार राम, रविन्द्र कुमार, दीपक, छोटेलाल चौरसिया, सोहन राम आदि शामिल रहे।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए चन्द्रकिशोर पाल ने राष्ट्रीय संविधान दिवस की महत्ता व बाबा साहेब की जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डाला, जबकि धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक सकलदेव राम ने ज्ञापित किया।