मशहूर पंचवर्षीय गढ़ीमाई मेला का शुभारंभ, गढ़ी माई स्थान व मन्दिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
- दर्शनार्थियों के लिए निःशुल्क भोजन पानी और रहने की व्यवस्था
- दो हजार सुरक्षाकर्मियों को मंदिर परिसर व आसपास में तैनात किया गया
रक्सौल।अनिल कुमार। नेपाल में विश्व प्रशिद्ध सर्वाधिक पशु बलि को लेकर मशहूर पंचवर्षीय गढ़ीमाई मेला का शुभारंभ हुआ। इसकी जानकारी देते हुए सोमवार को गढीमाई मंदिर परिसर में आयोजित पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कलैया नगरपालिका के मेयर उपेन्द्र यादव ने कहा कि भारत से आनेवाले श्रद्धालू भक्तों के रहने, खाने-पीने और दर्शंन करने का पुरा प्रबंधन किया गया है। दर्शनार्थियों को अपने भारतीय नंबर का केवल सीमा प्रवेश से पूर्व इन्ट्री कराना होगा।
उन्होंने कहा सरकार द्वारा सभी सीमा पर इन्ट्री की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है। दर्शनार्थियों के लिए निःशुल्क भोजन पानी और रहने की व्यवस्था की गयी है। पांच सौ अस्थायी शौचालय और और दो सौ स्थायी शौचालयों का निर्माण किया गया है। सुरक्षा की भी पुरी तैयारी की गयी है। दो हजार सुरक्षाकर्मियों को मंदिर परिसर व आसपास मे तैनात किया गया है। एक हजार स्वंसेवक कार्यरत दर्शनार्थियों को माता के स्थान तक सुविधा पुर्वक दर्शन कराने में ये सहयोग करेगे।इसके साथ ही दर्शनार्थियों को आसानी से पुजा करने के लिए मंदिर मे कुल पन्द्रह लाईन की व्यवस्था की गयी है। वही दर्शनार्थियों की सुरक्षा ड्रोन से की जाएगी।
उपेन्द्र यादव ने कहा इस मेला में सर्वाधिक दर्शनार्थी भारत से ही आते है। भारत से हमारा बेटी रोटी का संबंध है। इसलिए उनके हर तरह के सुविधा का ख्याल रखा जाएगा। एक माह तक चले वाले इस मेला के सफल संचालन के लिए एक मुल समारोह समिति और 14 उपसमिति बनाया गया है। 80 से 90 लाख लोग इस मेला में आते है। आगामी 3 दिसंबर को माता के स्थान पर स्वंय दीप प्रज्वलित होने पर बलिदान शुरु होगा। 3 दिसंबर को पाड़ा और 4दिसंबर को खंसी सहित अन्य पक्षियों की बली चढायी जाएगी। बता दें की हर पाँच वर्षों में लगने वाले इस गढ़ी माई मेले में लगभग चार से पाँच लाख पशु पक्षियों की बलि चढ़ाई जाती है।जिसमे भैंसे की बली सर्वाधिक होती है।
हालांकि बली पर नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय ने तत्काल रोक लगाने से इंकार करते हुए इसके लिए लोगों को जागरुक कर धीरे धीरे रोक लगाने का सुझाव दिया है। भारत के सर्वोच्च अदालत द्वारा भी बली पर रोक लगाने से इस बार बली के संंख्या में कमी आएगी। उधर सांस्कृतिक उड्डयन सह पर्यटन मंत्री ने गढ़ीमाई मंदिरका अवलोकन कर हर संभव मदद करने की घोषणा किया।
मौके पर मेला व्यवस्थापन समिति के महासचिव मोतिलाल कुशवाहा, गढीमाई नगरपालिका के प्रमुख उपेन्द्र यादव,उपमेयर तारा देवी आदि मौजूद थे।