बिहार
श्रीमद् भागवत जीवन दर्शन का ग्रंथ है- स्वामी अशोक दास महाराज
By Deshwani | Publish Date: 8/11/2019 11:00:00 PMपताही। माधुरी रंजन।
पताही प्रखंड के रूपनी गांव में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन शुक्रवार को संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा की अनुभूति श्रोताओं को अयोध्या से आए कथावाचक स्वामी अशोक दास महाराज ने कराई। श्रीमद् भागवत महापुराण की रचना महर्षि वेद व्यास ने सरस्वती नदी के तट पर अवस्थित अपने आश्रम में की थी। इसकी प्रेरणा उन्हें महर्षि नारद से मिली थी। वेद व्यास ने श्रीमद भागवत महापुराण श्लोक की रचना कर ली थी। इसमें 12 स्कंद , 335 अध्यायों में 18 हजार श्लोक हैं। इसमें श्रीकृष्ण के 22 अवतारों की विस्तार से चर्चा की गई है।
भागवत जीवन दर्शन का ग्रंथ है। यह जीवन जीने की कला का मार्गदर्शन करता है। भागवत की भक्ति का आदर्श कृष्ण की गोपियां हैं। गोपियों ने घर नहीं छोड़ा। उन्होंने स्वधर्म त्याग नहीं किया। वे वन में नहीं गई। फिर भी वे सिर्फ भगवान को प्राप्त कर सकी। भागवत ज्ञान व वैराग्य को जागृत करने की कला है। ज्ञान और वैराग्य मनुष्य के अन्दर है,पर वह सोये हुए हैं। भागवत के अलावा अन्य कोई ग्रंथ नहीं जो सात दिनों में मुक्ति का मार्ग दिखा दे। ज्ञानसत्र का संचालन मानस मर्मज्ञ उपेन्द्र पांडे कर रहे थे वही सत्र में संजय कुमार भगवत दयाल पांडेय, वीरेंद्र पांडेय, बैद्यनाथ त्रिपाठी, शत्रुघ्न तिवारी, गायक अवधेश उजाला, कृष्ण मोहन कुमार ,यजमान पलीता सिंह सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।