दो महीने से वेतन बंद, कर्मियों ने रक्सौल आईपीसी गेट पर धरना-प्रदर्शन, दो घंटे तक कामकाज बंद
रक्सौल। अनिल कुमार।
भारत का दूसरा सबसे बड़ा आईसीपी लैंड में वेतन बंद होने के विरोध में कर्मचारियों ने नेेपाल पास कर जा रही गाड़ियों को रोककर आईसीपी के गेट पर धरना प्रदर्शन किया। जिस कारण लगभग दो घंटा तक कामकाज ठप्प रहा।
आईसीपी में वामन लौरी कंपनी द्वारा मालवाहक वाहनों का एंट्री तौल,पार्किंग के बाद नेपाल के लिए पास कराने के लिए कुल 24 कर्मचारियों को नियुक्त किया था। जिनके वेतन का भुगतान भी वामन लौरी कम्पनी ही करती थी। बाद में वामन लौरी कंपनी ने नेपाल की कंपनी इंटरस्टेट मल्टी मोडल कंपनी को इसका कांटेक्ट दे दिया। जिसके बाद इन 24 कर्मचारियों को वेतन नेपाल की कंपनी इंटर स्टेट मल्टी मोडल कंपनी ही देती थी। लेकिन नेपाली कंपनी द्वारा कॉन्ट्रैक्ट लिए जाने के बाद इनलोगों का वेतन भी नेपाली कंपनी ही करते आरहा है। उपरोक्त बातों की जानकारी देते हुए प्रदर्शनकारी मनीष पटेल, आकाश कुमार, नारायण कुमार, संदीप कुमार, सूरज कुमार, राजू पटेल, रजा बाबू, गोविन्द कुमार सुहैल, श्यामबाबू, संजय, सोनू अविनाश व चंदेश्वर,ओमप्रकाश आदि ने दी।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि भारत में काम करते है और पैसा नेपाल की कम्पनी नेपाली कागजात से देती है। काम करने के बावजूद उक्त नेपाली कंपनी ने हमलोगों का वेतन दो महीने पूर्व से ही बंद कर दिया है। जिस कारण उनलोगों के समक्ष रोजी रोटी की समस्या आ गयी है।
विरोध प्रदर्शन स्थायी रूप से हटाये जाने की धमकी भी हमलोगों को कंपनी द्वारा दी जा रही है। जबकि हमलोगों के नौकरी का अनुबंध 2018 से 2021 तक का है। बावजूद इसके कंपनी द्वारा उनलोगों का वेतन भी बंद कर दिया गया है। हमलोगों में से कुछ लोगो का 9 हजार और कुछ लोगों का 6 हजार वेतन है। जिसमें से कम्पनी द्वारा काट कर 7800 और 5200 रुपया दिया जा रहा था।
अब वो भी बंद कर दिया गया। सबसे अहम सवाल यह है कि भारतीय कम्पनी वामन लौरी ने आईसीपी संचालन का कांट्रेक्ट नेपाली कंपनी को क्यों दे दिया है।
उधर विरोध कर रहे कर्मियों को कम्पनी के आदेश पर एसएसबी के जवानो द्वारा प्रदर्शन के दो घंटा बाद जबरन हटा कर कम शुरू कर दिया गया। संध्या 5 बजे शुरू हुआ विरोध और देर संध्या 7 बजे बल प्रयोग कर समाप्त कराया गया। इस सम्बन्ध में कोई भी अधिकारी पत्रकारों से बात करने में परहेज कर रहे है।