मोतिहारी
महिलाओं ने मनाया वट सवित्री व्रत, मांगी मन्नतें
By Deshwani | Publish Date: 3/6/2019 11:00:00 PMरक्सौल। अनिल कुमार।
महिलाओं ने सोमवार को पूरे देश मे वट सावित्री व्रत मनाया। जिसमें स्थानीय महिलाएँ भी पीपल के पेड़ के नीचे जाकर पूजा अर्चना की। मन्नते माँगी। कहा जाता है कि यह ब्रत सौभाग्य देने वाला और संतान की प्राप्ति में सहायता होता है। भारतीय संस्कृति में यह व्रत आदर्श नारी का प्रतीक बन चुका है। वट सावित्री व्रत में 'वट' और 'सावित्री' दोनों का विशिष्ट महत्व माना गया है।
पीपल की तरह वट या बरगद के पेड़ का भी विशेष महत्व है। पुराणों में यह स्पष्ट किया गया है कि वट में ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों का वास है। इसके नीचे बैठकर पूजन व व्रत कथा आदि सुनने से मनोकामना पूरी होती है। सावित्री का अर्थ वेद माता गायत्री और सरस्वती भी होता है। सावित्री का जन्म भी विशिष्ट परिस्थितियों में हुआ था। कहते हैं कि भद्र देश के राजा अश्वपति के कोई संतान न थी।
उन्होंने संतान की प्राप्ति के लिए मंत्रोच्चारण के साथ प्रतिदिन एक लाख आहुतियाँ दीं। अठारह वर्षों तक यह क्रम जारी रहा। इसके बाद सावित्री देवी ने प्रकट होकर वर दिया कि 'राजन तुझे एक तेजस्वी कन्या पैदा होगी।' सावित्री देवी की कृपा से जन्म लेने की वजह से कन्या का नाम सावित्री रखा गया। तब से यह व्रत मनाया जाता है।