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रक्सौल की सरिसवा नदी को शुद्ध किए बिना कैसे होगी नमामि गंगे योजना सफल
By Deshwani | Publish Date: 24/4/2019 5:37:31 PM
रक्सौल की सरिसवा नदी  को शुद्ध किए बिना कैसे होगी नमामि गंगे योजना सफल

 
रक्सौल। अनिल कुमार।

रक्सौल में सरिसवा के नदी प्रदूषण मामले में गत 19 अप्रैल को पटना में यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) के एनवायरन्मेंट ऑफिसर कुमार दीपक के साथ डा. स्वयंभू शलभ की एक महत्वपूर्ण मुलाकात हुई। नेपाल से निकलकर भारत में प्रवेश करनेवाली सरिसवा नदी के प्रदूषण के बढ़ते दुष्प्रभाव और इस समस्या के समाधान की दिशा में संबंधित मंत्रालय एवं विभागों द्वारा अभी तक की गई कार्रवाइयों पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि सरकार की नमामि गंगे योजना तब तक सफल नहीं हो सकती जब तक इस स्रोत को शुद्ध न किया जाय।
 

डा. शलभ ने बताया कि यह गंभीर मामला पत्रों, फाइलों और विभागीय प्रक्रिया के जाल में फंसकर रह गया है। जमीनी स्तर पर अभी तक कोई नतीजा सामने नहीं आया। नदी मृतप्राय होकर नाले में तब्दील होती जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की नमामि गंगे योजना तब तक सफल नहीं हो सकती जब तक इस स्रोत को शुद्ध न किया जाय।
 

वर्ष 2011 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा नदी के पानी के सैंपल को जांच के लिए कोलकाता लैब में भेजा गया था उस रिपोर्ट को सरकार के द्वारा सार्वजनिक किया जाना आवश्यक है। विदेश मंत्रालय को सौंपी गई उस जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई अभी तक लंबित है। श्री कुमार दीपक ने कहा कि केंद्र और राज्य की संयुक्त टीम द्वारा नदी के वर्तमान स्टेटस की तत्काल जांच करना जरूरी है।
 

 पीएचइडी के स्तर से मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा भी इस मामले में पहल की जानी चाहिए। उन्होंने भारत नेपाल सीमा पर भारत सरकार द्वारा एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) के साथ साथ सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाये जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि रक्सौल म्युनिसिपलिटी अपना डंपिंग साइट बनाएं। नदी किनारे कूड़े कचरे का भंडारण करना या कूड़े कचरे को जलाना एक असंवेदनशील कृत्य है। यह पर्यावरण संरक्षण के वैश्विक कानून के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है।
 
 
 
उन्होंने 1992 में बने कन्वेंशन ऑन बायोलॉजिकल डाइवर्सिटी (सीबीडी) का भी जिक्र किया। श्री कुमार ने बताया कि नेपाल से निकलनेवाली इस नदी के प्रदूषण के संबंध में यूएनडीपी की काठमांडू शाखा को अवगत कराया गया है। उन्होंने नदी की वर्तमान स्थिति की जांच के लिए रक्सौल आने वाली केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम द्वारा देरी किये जाने को लेकर भी नाराजगी जाहिर की।विदित है कि एक दशक से इस समस्या के समाधान के लिए प्रयासरत डा. शलभ ने इस मामले से जुड़े तमाम तथ्यों के साथ संबंधित मंत्रालय एवं विभागों के सभी पत्रों को गत मार्च में श्री कुमार दीपक को उपलब्ध कराया था।।                                          अनिल कुमार  रक्सौल,24-04-2019,फोटो-यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) के एनवायरन्मेंट ऑफिसर कुमार दीपक के साथ डा. स्वयंभू शलभ की एक महत्वपूर्ण मुलाकात।
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