रुद्र भगवान शिव का प्रचंड रूप है, रुद्राभिषेक से होती है अभिष्टफल प्राप्ति- पं. राकेश
मोतिहारी/ सुधांशु कुमार मनीष
भगवान शिव के रुद्राभिषेक से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही ग्रहजनित रोगों से मुक्ति मिल जाती है। सभी देवताओं की आत्मा में रूद्र उपस्थित है। सभी देवता रूद्र की आत्मा है।
भगवान शिव सर्व कल्याणकारी देव के रूप में प्रतिष्ठित हैं। अतः पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। भगवान शिव को शुक्लयजुर्वेद अत्यंत प्रिय है। कहा भी गया है- वेदः शिवः शिवः वेदः । इसी कारण ऋषियों ने शुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्याई से रुद्राभिषेक करने का विधान शास्त्रों में बताया है। उक्त बातें थाना क्षेत्र के रामपुर खजुरिया स्थित प्रगयेश्वर महादेव मन्दिर में आयोजित रुद्राभिषेक यज्ञ के दौरान आचार्य पं. राकेश कुमार तिवारी ने कही।
उन्होने कहा कि रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावी उपाय है। रुद्राभिषेक का अर्थ है- भगवान रुद्र का अभिषेक अर्थात शिवलिंग पर रुद्र के मंत्रों के द्वारा अभिषेक करना। जीवन में कोई कष्ट हो या कोई मनोकामना हो तो सच्चे मन से रुद्राभिषेक कर के देखें। निश्चित रूप से अभीष्ट लाभ की प्राप्ति होगी। रुद्राभिषेक ग्रह से संबंधित दोषों और रोगों से भी छुटकारा दिलाता है। रुद्र भगवान शिव का ही प्रचंड रूप हैं। इनका अभिषेक करने से सभी ग्रह बाधाओं और सारी समस्याओं का नाश होता है।
मौके पर जयकिशोर उपाध्याय, सौरभ कुमार दुबे, राधामोहन पाण्डेय, विपुल तिवारी, डॉ. दिवाकर गिरि, मुन्नालाल गिरि, मंजय कुमार, विवेक कुमार, सुमित कुमार, श्रवण गिरि, संदीप कुमार समेत अन्य मौजूद थे।