तुरकौलिया में जेएच मेमोरियल स्कूल के वार्षिकोत्सव समारोह में भावुक हुई डॉ हिना, कहा- बेटी नहीं होने का है मलाल
मोतिहारी/तुरकौलिया।।आशा कुमारी।
जिले की सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर हिना चंद्रा ने कहा है कि शिक्षा वह माध्यम है जिससे बेटे और बेटियों का भविष्य सुधारने के साथ समाज में जागरुकता और मजबूती प्रदान की जा सकती है। वे यहां तुरकौलिया जे एच मेमोरियल स्कूल में वार्षिकोत्सव समारोह को संबोधित कर रही थी। कार्यक्रम के संबोधन के दौरान एक पल ऐसा भी आया जब डॉ हिना चन्द्रा काफी भावुक हो गई। उन्होंने बताया कि बेटे तो है पर बेटी नहीं है। इसका उन्हे मलाल रहता है। उनके आंसू छलक पड़े।
डॉ हिना ने कहा कि शिक्षा वह अस्त्र है जिससे समाज में हर क्रांति लाई जा सकती है। उन्होंने बेटी और बेटियों को समान रूप से शिक्षा प्रदान करने की अपील की। वहीं कौन बनेगा करोड़पति के विजेता सुशील कुमार ने कहा कि शिक्षा अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाती है। शिक्षा से बड़ा कोई धन नहीं है। इसे न कोई छीन सकता है और न कोई लूट सकता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्कूल के संस्थापक शशि भूषण सिंह व प्राचार्य अजय कुमार सिंह ने विद्यालय की प्रगति और भावी कार्ययोजना पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि देहाती इलाका होने के बाद भी विद्यालय प्रबंधन गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। समारोह को प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के सचिव संतोष कुमार रौशन, चेम्बर ऑफ कॉमर्स के रामभजन सिंह, अनुसूचित जाति संघ के जिलाध्यक्ष लालबाबू शर्मा, कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष राजकुमार सिंह, सुमन तिवारी, सत्येंद्र तिवारी व डॉ आरके सिंह ने भी संबोधित किया। इस मौके पर बच्चों ने कई आकर्षक कार्यक्रमों को प्रस्तुति दी।
केबीसी विजेता ने लगाए चंपा के पौधे
कार्यक्रम में पहुंचे केबीसी के विजेता सुशील कुमार छात्रों के बीच आकर्षण का केंद्र रहे। बच्चे उनके साथ फोटो खिंचवाने के लिए आतुर नजर आए वहीं इस मौके पर उन्होंने अपने अभियान के रूप में चंपा का पौधा लगाया और बच्चों को पौधों की रखवाली करने और पर्यावरण सुरक्षा का संकल्प भी दिलाया।
.... और रो पड़ी डॉ. हिना चंद्रा
कार्यक्रम के दौरान एक ऐसा भी अवसर आया जब पूरा माहौल भावनाओं में बहने लगा। हुआ यूं कि जब जिले की सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ हिना चंद्रा अपना संबोधन कर रही थी। अचानक वे रो पड़ी। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने उन्हें बेटी नहीं दी। जिसका मलाल उन्हें सदैव रहता है। बच्चियां घर, परिवार और समाज की शान और सुंदरता को बढ़ाती हैं।