बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे सुगौली नुनियाटोली के ग्रामीण अपने मतदान का नहीं करेंगे प्रयोग ?
सुगौली। शिवेश झा।
नगर में विकास की तमाम घोषणाओं के बाद भी सुगौली में वार्ड बीस के नुनिया टोला गांव में तमाम बुनियादी सुविधाएं नदारद है। करीब पचास परिवारों के इस गांव के ग्रामीणों को अबतक तो बिजली उपलब्ध नहीं ही हो पाई है। अलबत्ता किरोसिन भी नहीं मिलता। नतीजा पूरा गांव अंधेरे में रहने को विवश है। हद तो यह कि इस गांव में जाने तक के रास्ते पर भी आजतक किसी भी जनप्रतिनिधियों की नजर नहीं पड़ी।
जिससे ग्रामीणों ने यह कहते हुए मतदान नहीं करने की घोषणा कर दी है कि वे इस देश में है ही नहीं। इस बाबत गांव के वयोवृद्ध रामबली चौधरी ने बताया - हमनी त ई देशे में नइखी। त वोट काहे करेम। वहीं फुलेना देवी ने कहा- हमनी के माटी तेल मिलबे ना करे आ गांव में आज ले लाइन ना आइल त सोंची हमनी कइसे अपना घर में रहिले।
अंधेरे में रहने को विवश-
इस गांव के लोग या तो महंगे दाम में किरासन तेल खरीदते है या मोमबत्ती की रोशनी में ही अपना जीवन बिता रहे है। फलस्वरूप गांव में शिक्षा का भी घोर अभाव है। बसंती देवी, राजेन्द्र चौधरी, मु.पानमती देवी व मु.गंगिया देवी आदि ने बताया कि इसी गांव में उनकी कई कई पुश्त बीत गई। पर आजतक इस गांव में कुछ नहीं हुआ।
कुल चार पक्के मकान-
इस गांव में कुल चार पक्के मकान है। बाकी सभी गरीबी रेखा से नीचे ही जीवन यापन करते हैं। अबतक इस गांव के आधे लोगों को शौचालय का सिर्फ लाभ मिल पाया है। बाकी नगर पंचायत में रहते हुए इस गांव का हाल यह कि गांव में करीब बीस वर्ष पहले गांव में बनी सोलिंग के रास्ते प्रखंड की फुलवरिया पंचायत के छोटा बंगरा गांव होते हुए कच्ची रास्ते से करीब तीन किलोमीटर का चक्कर लगाते हुए नपं कार्यालय पहुंच पाते है।
कई महीने पहले लगे बिजली के सात खम्भे-
इसको लेकर गांव के युवा विनोद कुमार, छोटेलाल चौधरी, दीपक चौधरी, करीमन चौधरी व मुन्ना चौधरी आदि ने बताया कि कई महीने पहले गांव में बिजली के सात पोल लगे। पर बिजली देखने की आस भी जाती रही है। जिसको लेकर उनलोनों ने मतदान का बहिष्कार का निर्णय किया है। इस बाबत आरओ सह बीडीओ अंतिमा कुमारी ने बताया कि ग्रामीणों की समस्या से संबंधित मामलों को दूर किया जाएगा। पर लोकतंत्र के इस पर्व के अवसर पर सबकी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।