मोतिहारी
गांधी के विचार व दर्शन विश्व को आज की ज्यादा जरूरत
By Deshwani | Publish Date: 30/3/2019 8:38:42 PM मोतिहारी। अशोक वर्मा।
गांधी संग्राहलय कमिटी द्वारा सभागार में महात्मागांधी केंद्रीय विश्वविधालय के कुलाधिपति पद्मश्री डा. महेश शर्मा का भव्य अभिनंदन किया गया। संग्रहालय परिसर पहुंचते ही उन्होंने गांधी स्मारक स्तंभ पर माल्यार्पण किया और नमन किया। उसके बाद परिसर मे लगे शिलापट्ट पर अंकित बापू के ऐतिहासिक बयान को पढ़ा साथ-साथ स्तंभ का अवलोकन किया। उनके साथ कुलपति प्रो अनिल राय भी थे। सचिव बृजकिशोर सिंह ने सूत का माला पहनाकर उनका अभिनंदन किया।
संग्राहलय के सभागार मे उपस्थित गाँधीवादियों एवं विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कुलाधिपति ने कहा कि गांधी जी कुटीर उधोग के पक्षधर थे। लिहाजा वे तकनीकी शिक्षा के विरोधी नहीं थे। उद्योग को विकास के लिए बेहद जरूरी मानते थे। तेजी से बदलते दौर एवं 21वीं सदी मे जब पूरे विश्व मे रोजगार के अवसर खुल चुके हैं। बड़ी राशि का पैकेज मिल रहा है। वैसे दौर मे छात्रों के रुझान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि गांधी दर्शन की पढ़ाई बहुत जगहों पर हो रही है। लेकिन हमें उसे आधुनिक तकनीकी शिक्षा के साथ जोड़कर आगे बढाना है। गांधी विचार और दर्शन की विश्व को आज ज्यादा जरूरत है। गांधी जी ने चरित्रवान बनने को कहा था। इसको पुन:स्थापित किया जायेगा। बताया कि जिलेवासियो को केन्द्रीय विश्वविधालय से ज्यादा अपेक्षा है। वे उसे पूरा करने का प्रयास करेंगे।
यह विश्वविधालय राष्ट्रीय स्तर का बनेगा। कुलपति ने कहा कि गांधी दर्शन का प्रसार आज की बड़ी जरूरत है। कुलपति प्रो० राय ने कहा कि विपरित परिस्थिति मे भी हम अच्छा कर रहे हैं। यहां के छात्र काफी आगे बढ़ है। हम उम्मीद करते हैं कि भूमि अधिग्रहण का कार्य जल्द हो जायेगा। अध्यक्षता करते हुए बृजकिशोर सिंह ने कहा कि सभी छात्र को गांधी स्मृति स्थलों की पूरी जानकारी दी जाय। श्रीनारायण मुनी ने कहा कि अशांत विश्व के लिए गांधी विचार मे ही समाधान है। अशोक वर्मा ने कहा कि मूल्यों को स्थापित किए बिना परिणाम अच्छा नहीं मिलेगा। संबोधित करने वालो मे राय सुंदरदेव शर्मा, तारकेश्वर प्रसाद, कुमकुम शुक्ला, विभूति नारायण सिंह व उपेंद्र जी आदि थे।धन्यवाद ज्ञापन रत्नेश्वरी शर्मा ने किया। उक्त अवसर पर चैंबर की ओर से वीरेंद्र जालान ने मोमेंटो एवं शॉल से सम्मानित किया। सुशील कुमार ने उनको चंपा का पौधा भेंट की।