महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए हुए भूमि अधिग्रहण के बाद भू-स्वामियों को दी जानेवाली मुआवजा राशि भुगतान के दौरान 3.05 करोड़ 28 हजार की फर्जी निकासी के आरोपी जयकिशन तिवारी को पुलिस ने दो दिनों की रिमांड पर लिया है। रिमांड अवधि के दौरान पुलिस अधिकारी जयकिशन से इस बड़े फर्जीवाड़ा से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर पूछताछ करेंगे।
बताया गया है कि इस सिलसिले में दर्ज नगर थाना कांड संख्या- 824/18 के अनुसंधानकर्ता नागेंद्र सहनी ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के यहां तिवारी को तीन दिनों की पुलिस रिमांड पर पूछताछ के लिए लेने के लिए अर्जी लगाई थी। जिसपर सीजेएम ने दो दिनों की रिमांड पर जयकिशन को दिया है। बता दें कि सोमवार को जयकिशन ने इस मामले में आत्मसमर्पण कर दिया था। इसके बाद एसपी ने उसे रिमांड पर लेने का निर्देश मामले के जांचकर्ता को दिया था। मंगलवार की शाम उसे न्यायिक आदेश के बाद पुलिस ने जेल से अपनी अभिरक्षा में लिया। यहां से लाने के बाद उसका स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया और फिर उसे पूछताछ के लिए पुलिस गोपनीय स्थान पर ले गई। जेल जाने से पहले दिए गए बयान की बाबत भी होगी पूछताछ
बताया गया है कि पुलिस ने जेल जाने से पहले जयकिशन तिवारी द्वारा दिए गए बयान का वीडियो हासिल किया है। इसकी सीडी भी तैयार की गई है। जेल जाने से पहले तिवारी ने जो बातें कहीं थीं, उनका सत्यापन किया जाएगा। ताकि, यह पता चल सके कि उसने सोमवार को फेब्रिकेटेड बयान दिया था या फिर कोई और बात थी। पुलिस द्वारा की जानेवाली पूछताछ की होगी वीडियोग्राफी पुलिस अधीक्षक उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि दो दिनों की रिमांड पर लिए गए जयकिशन से पूछताछ की जानी है। पूछताछ के लिए पुलिस अधिकारियों की एक विशेष टीम बनाई गई है। टीम में एएसपी शैशव यादव व अन्य शामिल हैं। पूछताछ की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। यदि जरूरत पड़ी तो दंडाधिकारी भी रखे जाएंगे। वहीं उसने जो भी बयान दिया है या जिन लोगों के बारे में जानकारी दी है, उस विषय पर भी पूछताछ होगी। 3.05 करोड़ 28 हजार में से जयकिशन को ट्रांसफर हुए थे 1.30 करोड़ याद रहे कि बनकट निवासी सुकदेव साह के नाम पर देना बैंक के खाते में हुए 3.05 करोड़ 28 हजार के भुगतान के बाद जयकिशन तिवारी के खाते में 1 करोड़ 30 लाख रुपये ट्रांसफर हुए थे। जिसमें से उसने एक बड़ी राशि अपनी पत्नी के नाम पर ट्रांसफर किया था। इसी के साथ कई और ट्रांसफर के सबूत पुलिस को मिले हैं। इन सभी मामलों में उससे पूछताछ की जाएगी।
घटनाक्रम एक नजर में
19 नवंबर 2018 : मोतिहारी प्रखंड के बनकट निवासी सुकदेव साह ने जिला भू-अर्जन कार्यालय पहुंचकर महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए अधिग्रहित 90 डिसमिल जमीन के भुगतान का दावा भू-अर्जन पदाधिकारी के समक्ष किया।
- सुकदेव साह द्वारा दी गई जानकारी और आवेदन के आधार पर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अजीत कुमार ने तत्काल देना बैंक में खुले फर्जी सुकदेव व उसके खाते से मोटी राशि लेनेवाले जयकिशन व अन्य के खाते को फ्रिज करने के लिए पत्र दिया।
- मामले की प्रशासनिक स्तर पर जांच शुरू कराई गई। इसके बाद तीन सदस्यीय टीम ने अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी।
- 25 नवंबर 2018 : जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने राशि का उठाव करनेवाले बनकट निवासी सुकदेव साह, हरसिद्धि थानाक्षेत्र के बड़ा हरपुर निवासी जयकिशन तिवारी और रक्सौल निवासी अर¨वद ¨सह के खिलाफ नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई।
- पुलिस ने शुरू की जयकिशन की खोज। न्यायालय से लिया गया गिरफ्तारी वारंट। उसके आवास पर चस्पा किया गया इश्तेहार।
- 09 दिसंबर 2018 : पुलिस की विशेष टीम ने जयकिशन के पैतृक गांव हरसिद्धि के बड़ा हरपुर व अरेराज स्थित आवास पर की कुर्की-जब्ती।
- 10 दिसंबर 2018 : जयकिशन ने मोतिहारी सीजेएम के कोर्ट में किया सरेंडर। जेल जाने से पहले बयान देकर कई लोगों पर लगाए गंभीर आरोप।
- 11 दिसंबर 2018 : पुलिस ने आवश्यक पूछताछ के लिए जयकिशन को लिया दो दिनों की पुलिस रिमांड पर। चल रही पूछताछ।