मोतिहारी। बंजरिया। देशवाणी।
सेव द चिल्ड्रन के सहयोग से सामाजिक शोध एवं विकास केंद्र द्वारा बंजरिया प्रखंड मुख्यालय सभागार में आपदा प्रबंधन के तहत बने कार्य दलों का चार दिवसीय प्रशिक्षण आरंभ हुआ। मानवीय प्रत्युत्तर बाढ़ राहत कार्यक्रम के तहत कार्य दलों के प्रशिक्षण में उड़ीसा भुनेश्वर से आए मुख्य प्रशिक्षक सुशांत कुमार पटनायक ने प्रशिक्षुओं को बताते हुए कहा कि आपातकालीन समय में समुदाय के साथ बचाव करना और असुरक्षित जगह से सुरक्षित जगह पर कम समय में पहुंचाना कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।
उन्होंने कहा कि कभी-कभी गांव/समुदाय में स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं होता है, लेकिन गांव में उपलब्ध संसाधन को इकट्ठा कर विकल्प स्टेचर बना कर यथा साड़ी, कंबल, बोरा और बांस के सहारे कम समय में बचाव कर लेते हैं। इसके साथ ही प्राथमिक उपचार, मनोवैज्ञानिक उपचार को विस्तृत रूप से बताया गया। प्रशिक्षकों के द्वारा आपदा प्रबंधन चक्र क्या होता है। विभिन्न आपदाओं के स्थिति में कार्य दलों की भूमिका, एक मानव बैसाखी,दो मानव बैसाखी से जख्मी लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के तरीकों का व्यवहारिक प्रयोग कराया गया।
उन्होंने लोगों को व्यवहारिक ज्ञान देते हुए कहा कि आपातकालीन स्थिति में मन को शांत रखना चाहिए, मन में कोई जातिवादी भेदभाव नहीं रखना चाहिए। संसार में हम लोग एक इंसान हैं। आपातकालीन स्थिति में भेदभाव रखना एक मानवीय अपराध है। जिसे भगवान भी माफ नहीं करता। इस प्रशिक्षण में प्रशिक्षक के रूप में अमूल्य सामर्थ, परियोजना समन्वयक हामिद रजा,संदीप कौशल, सामुदायिक उत्प्रेरक प्रभु राम, त्रिलोकी मुखिया, अमीरूल होदा, भूलन पटेल ,एकानुल्लाह, नुरजहाँ, दारा पटेल व शैलेन्द्र यादव सहित कई लोग मौजूद थे।