मोतिहारी। पीपराकोठी। माला सिन्हा।
खसरा रूबेला टीकाकरण अभियान की सफलता को लेकर प्रखंड मुख्यालय स्थित मॉडल विद्यालय के सभागार में क्षेत्र के शिक्षकों के साथ दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। अध्यक्षता प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा रामाशंकर गुप्ता ने की। इस अवसर पर शिक्षकों को संबोधित करते हुए प्रभारी डा गुप्ता ने कहा कि यह अभियान बिहार में 15 जनवरी से आरंभ हो रहा है। इस टीकाकरण अभियान का उद्देश्य खसरा-रूबेला से मुक्त करना है।
इस अभियान की सफलता के लिए आज से ही सभी स्कूलों में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है ताकि 15 जनवरी से अभियान आरंभ होते ही बच्चे खुद टीकाकरण के लिए जागरूक हो। बताया कि नौ माह से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चे ज्यादातर इस बीमारी से ग्रस्त होते हैं। इस अभियान के प्रथम चरण में टीकाकरण सभी स्कूलों, सामुदायिक स्तरों, आंगनबाड़ी केंद्रों सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि किसी बच्चे को टीका पहले से लगाया जा चुका हो तो उसे भी यह टीका लगाना अनिवार्य है। भारत सरकार अब खसरा मुक्त भारत के लक्ष्य पर काम कर रही है।
बीमारी के लक्षण-
इस बीमारी के लक्षण के संबंध में कहा कि यह अत्यधिक संक्रामक होता है. संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने से यह बीमारी फैलती है। इसमें निमोनिया, डायरिया व दिमागी बुखार होने की संभावना बढ़ जाती है। चेहरे पर गुलाबी-लाल चकत्ते, तेज बुखार, खांसी, नाक बहना व आंखें लाल हो जाती है। जबकि रूबेला गर्भावस्था के दौरान होने वाला संक्रमण है। यह नवजात शिशुओं के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। संक्रमित माता से जन्मे शिशु को ग्लूकोमा, मोतियाबिंद, बहरापन, मंद बुद्धि व दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। रूबेला से गर्भपात, समय पूर्व प्रसव व गर्भ में बच्चे की मौत भी हो सकती है। उन्होंने सभी सेविकाओं से अभियान की सफलता के लिए लोगों में जागरूकता पैदा करने की अपील की।
मौके पर चिकित्सा पदाधिकारी डा आरके उपाध्याय, बीईओ अजित कुमार शर्मा, बीआरपी मनोज ठाकुर, महिला पर्यवेक्षिका सत्या, शोभा कुमारी, डब्ल्यूएचओ के अनिल कुमार, केयर के शाहीन परवीन, अनिल कुमार, शैलेन्द्र कुमार, प्रदीप कुमार, विनय पांडेय, डब्ल्यू श्रीवास्तव, राजेंद्र कुमार, प्रेम नारायण, अजय शंकर मिश्रा, प्रभुनन्दन ठाकुर, शशिरंजन पटेल, सहित सभी सरकारी स्कूलों व नवोदय विद्यालय के दो दो प्रतिनिधि मौजूद थे।