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मोतिहारी
गोसेवा से मनुष्य का जीवन होता है धन्य : आचार्य राकेश
By Deshwani | Publish Date: 16/11/2018 11:00:00 PM
गोसेवा से मनुष्य का जीवन होता है धन्य : आचार्य राकेश

आचार्य पं. राकेश कुमार तिवारी। फाइल फोटो- देशवाणी।

मोतिहारी/डुमरियाघाट/  सुधांशु कुमार मनीष

भारतीय संस्कृति में गाय का विशेष स्थान हैं। गाय को माँ का दर्जा दिया जाता हैं। क्यूंकि जैसे एक माँ का ह्रदय कोमल होता हैं, वैसा ही गाय माता का होता हैं। जैसे एक माँ अपने बच्चो को हर स्थिति में सुख देती हैं, वैसे ही गाय भी मनुष्य जाति को लाभ प्रदान करती हैं। अतः गोसेवा से मनुष्य का जीवन धन्य हो जाता है तथा जन्म जन्मांतर तक वह सुख भोगता है। उक्त बातें गोपाष्टमी के अवसर पर गोसंवर्धन हेतु गो पूजन के दौरान सेम्भुआपुर गांव निवासी आचार्य पं. राकेश कुमार तिवारी ने कही।

 

उन्होंने कहा कि गोपाष्टमी को गो माता के पूजन से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं। माता यशोदा ने भगवान कृष्ण को पहली बार गायों को चराने के लिए जंगल भेजा था। यशोदा माता भगवान कृष्ण को नहीं भेजना चाहती थी लेकिन भगवान कृष्ण जिद करने लगे। जहां भगवान श्रीकृष्ण गए। उस दिन कार्तिक शुक्ल अष्टमी थी। जहां भगवान ने गाय का पूजन किया। तभी से कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तो गोपाष्टमी मनाई जाने लगी। इस दिन गायों की विशेष रूप से पूजा की जाती है। गो पूजन से सभी देवी देवतागण प्रसन्न होते हैं।

 

शास्त्रों में गोपाष्टमी पर्व पर गायों की विशेष पूजा करने का विधान है। इस दिन प्रातः काल गौओं को स्नान कराकर, उन्हें सुसज्जित करके गन्ध पुष्पादि से उनका पूजन करना चाहिए। इसके पश्चात यदि संभव हो तो गायों के साथ कुछ दूर तक चलना चाहिए। कहते हैं ऎसा करने से प्रगत्ति के मार्ग प्रशस्त होते हैं। गायों को भोजन कराना चाहिए तथा उनके चरण रज को मस्तक पर लगाना चाहिए। ऐसा करने से सौभाग्य की वृद्धि होती है।

 

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