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देशभर में क्लिन सिटी व स्मार्ट सिटिज निर्माण तो अंतरराष्ट्रीय महत्व का रक्सौल कीचड़ व कचरायुक्त क्यों? चरणबद्ध आंदोलन जारी
By Deshwani | Publish Date: 16/11/2018 11:00:00 PM
देशभर में क्लिन सिटी व स्मार्ट सिटिज निर्माण तो अंतरराष्ट्रीय महत्व का रक्सौल कीचड़ व कचरायुक्त क्यों? चरणबद्ध आंदोलन जारी

ओवरब्रिज के निर्माण में हो रहे विलम्ब को लेकर स्वच्छ रक्सौल संस्था के अध्यक्ष रणजीत सिंह का आंदोलन। फोटो- देशवाणी।

रक्सौल। अनिल कुमार। देशवाणी न्यूज नेटवर्क।

रक्सौल शहर स्थित स्टेशन रोड व ओवरब्रिज के निर्माण में हो रहे विलम्ब को लेकर स्वच्छ रक्सौल संस्था ने डेरा डालो, घेरा आंदोलन शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। घेरा डाला, डेरा डालो नामक अनिश्चित कालीन आंदोलन का नेतृत्व संस्था के अध्यक्ष रणजीत सिंह गुरुवार को मुख्य पथ से शुरू की गई। जो आज दूसरे दिन भी जारी रहा। संस्था के अध्यक्ष का व्यंग्यात्मक लहजे में कहना है कि जब पूरे देश में क्लिन सिटी, ग्रीन सिटी व स्मार्ट सिटी बन रही है तो अन्तरराष्ट्रीय महत्व का शहर कीचड़युक्त व कचरा युक्त क्यों?
 
 रंजीत सिंह ने बताया कि रक्सौल शहर को जोड़ने वाली स्टेशन सड़क के पुनर्निर्माण एवं समपार संख्या 33 ए व 34 ए पर रोड ओवरब्रिज के निर्माण में देर होने से लोगांे में काफी असंतोष व्याप्त है।
 

स्टेशन जाने वाली टूटी सड़क व ओवर ब्रिज के नहीं रहने से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। अस्पताल जाने के क्रम में एम्बुलेंस में ही मरीज दम तोड़ दे रहे हैं। उनका यह भी प्रश्न है कि नेपाल के रास्ते विदेशी पर्यटक जब रक्सौल स्टेशन पर भारत दर्शन को आते हैं तो स्टेशन के सामने कीचड़ व कचरों का अंबार देखकर अपने मन में क्या छवि बनाते होंगे‍‍?
 
 
 
किए गये झूठे वादे

श्री सिंह ने बताया कि समपार संख्या 33 ए व 34 ए लगभग 12 घंटे बंद होने की स्थिति में आए दिन एंबुलेंस, स्कूली बच्चे, यात्री और नागरिक रेल संटिंग के दौरान दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। रक्सौल स्टेशन रोड और ओवर ब्रिज के निर्माण हेतु नगर वासियों के द्वारा बार-बार आंदोलन किया जाता रहा है। लेकिन हमें सिर्फ और सिर्फ झूठा आश्वासन ही मिला है। रंजीत सिंह ने बताया कि इससे पूर्व उन लोगों ने इसको लेकर आंदोलन किया। तो उन्हें आश्वाशन दिया गया था कि इस सड़क को 10 दिनों के अंदर मोटरेबल कर दिया जाएगा और दिसंबर तक 32 एमएम का सरिया देकर करीब 6 इंच का पीसीसी का निर्माण कराया जाएगा। आईओडब्ल्यू से जब आंदोलन कर्मियों ने पता किया तो उनको बताया गया कि लोगों को आने जाने में के लिए कामचलाऊ सड़क बना दी जाएगी।
 
 
 
मांगे पूरी नहीं तो अनिश्चितकालीन आमरण अनशन
 
 श्री सिंह ने कहा कि ये मंजूर नहीं है। ये आंदोलन तीन दिनों तक सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगा। उसके बाद रविवार से अनिश्चित कालीन आमरण अनशन चलेगा। जब तक डीआरएम व डीएम आकर आश्वस्त न कर दे तब तक आंदोलन जारी रहेगा। श्री सिंह ने बताया कि हम नगरवासियों को अबतक उपेक्षित किया गया है। पूरे भारत में जब स्मार्ट सिटी, ग्रीन सिटी व क्लीन सिटी बनाया जा रहा हैं तो रक्सौल को जामयुक्त, कचरायुक्त सिटी क्यो बनाया जा रहा हैं?
 
 

रक्सौल की ऐसी हालत का जिम्मेवार कौन
 
 
  टूटी सड़के, झूठे वादे, मरते कराहते रक्सौलवासियों का अपराधी कौन है। सांसद, विधायक, वार्ड पार्षद, जिला पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, मंडल रेल प्रबंधक, रक्सौल स्टेशन अधीक्षक या रक्सौल नगर पार्षद? जब तक इस समस्या का तत्कालीन समाधान नहीं होता या विभागीय जिम्मेवारी नहीं ली जाती तब तक डेरा डालो घेरा डालो आंदोलन चलता रहेगा।
 
मौके पर मो. इमरान,अलाउदीन अंसारी, राजकिशोर दास, रुस्तम अंसारी, रूपेश पांडेय, लक्ष्मी कांत गुप्ता, मो. जावेद अंसारी, सुबोध कुमार साह व कपिलदेव ठाकुर शामिल थे।
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