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मोतिहारी
हर्षोल्लास के साथ मना चित्रगुप्त पूजा व भैया दूज, सुबह से ही गोवर्धन पूजा के साथ गूंजने लगे मंगलगीत के धुन
By Deshwani | Publish Date: 9/11/2018 10:00:00 PM
हर्षोल्लास के साथ मना चित्रगुप्त पूजा व भैया दूज, सुबह से ही गोवर्धन पूजा के साथ गूंजने लगे मंगलगीत के धुन

पीपराकोठी में सामूहिक रूप से चित्रगुप्त पूजा व गोवर्धन पूजा करती महिलाएं। फोटो- देशवाणी।

मोतिहारी। पीपराकोठी। माला सिन्हा। देशवाणी।
 
हर्षोल्लास के साथ चित्रगुप्त पूजा व भैया दूज का पर्व शुक्रवार को हर्षोल्लास से मनाया गया। इस दौरान क्षेत्र के पीपराकोठी, बेलवतिया, टिकैता, गोबिन्दापुर, चंद्रहिया व सलेमपुर के चित्रांशों ने सामूहिक रूप से लेखनी के देव भगवान चित्रगुप्त जी महाराज की पूजा अर्चना की।
 
 
 पूजा के बाद सभी ने अपनी कलम आदि लेखनी से जुड़ी सामग्री को आज के लिए बंद कर दिया। वहीं बेलवतिया गांव में आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा, वेद विद्यालय आदर्श कुमार पांडेय व विजय पांडेय ने वैदिक मंत्रोंच्चारण के साथ पूजा संपन्न कराई। सभी कायस्थों ने भक्ति भाव में कलम दवात की पूजा के साथ चित्रगुप्त जी महाराज की पूजा की। दूसरी तरफ सभी गांवों में महिलाओं ने गोवर्धन पूजा की। सभी ने अपने भाई के दिर्घायु होने की कामना की।
 
 
 
 आचार्य आदर्श कुमार पांडेय ने भैयादूज पर्व के बारे में बताते हुए कहा कि पौराणिक मान्यता है कि सूर्य पुत्र यम ने इस दिन अपनी बहन यमुना के घर जाकर भोजन कर उपहार भेंट की थी। इसके बदले यमुना ने अपने भाई यम का तिलक किया था। तभी से यह त्योहार यम द्वितीया और भाई दूज के रूप में मनाया जाता है। बताया कि भाईयों को श्रापने की परंपरा है, और पुनः बहनें अपने जिह्वा पर रेंगनी के काँटों को चुभाती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन बहन का श्राप भाईयों के लिए आशीर्वाद होता है। बहने इस दिन व्रत रखकर तथा भाई के माथे पर तिलक लगाकर भाई के दीर्घ जीवन की कामना करती है। आज के दिन अपने घर भोजन न कर बहन के घर जाकर उनके हाथ का बना हुआ भोजन करना चाहिए। इससे बल, धन, यश, आयु, धर्म, अर्थ और अपरिमित सुख की प्राप्ति होती है।
 
 
 मौके पर सुकदेव प्रसाद श्रीवास्तव, श्रीभगवान प्रसाद, रत्नेश्वर वर्मा, कुंजबिहारी वर्मा, शशिभूषण कुमार, राकेश कुमार श्रीवास्तव, उदय श्रीवास्तव, ऋषभ राज, सूरज कुमार, शुभम कुमार, मिठू कुमार, मयंक कुमार सहित कई चित्रांशो ने पूजा में भाग लिया।
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