मोतिहारी। अरेराज/सुधांशु कुमार मनीष।
बजरंगबली की महिमा अपरंपार है प्रभु के दर्शन मात्र से भक्तों के सभी पाप ताप वह संताप क्षण मात्र में दूर हो जाते हैं। परिवार के ऊपर सभी ग्रह दशा व अमंगल दूर करने का सर्वोत्तम साधन है। हनुमत आराधना। उक्त बातें प्रखंड क्षेत्र के जेनेरवा में स्थापित पंचमुखी हनुमान मंदिर के प्रांगण में श्री हनुमान जयंती के अवसर पर आयोजित हनुमान चालीसा एवं सुंदरकांड पाठ पर मंदिर के महंत संत शिरोमणि राघव दास महाराज उर्फ त्यागी बाबा ने कही।
उन्होंने पंचमुखी हनुमान जी का वर्णन करते हुए कहा कि अपने जीवन से निराश होकर जो मनुष्य हनुमत जन्मोत्सव के दिन उनके शरीर में सिंदूर व तेल का लेप करता है वह धर्म,अर्थ,काम व मोक्ष आदि चतुर्भुज पुरुषार्थ की प्राप्ति कर अंत में विष्णु लोक गामी बन जाता है।
यज्ञ के मुख्य यजमान परिवर्तनकारी शिक्षक महासंघ केसरिया के प्रखंड अध्यक्ष पंडित राकेश कुमार तिवारी ने कहा कि समुद्र मंथन के पश्चात आशुतोष भगवान शिव ने भगवान विष्णु का मोहिनी रूप देखने की इच्छा प्रकट की,जो उन्होंने देवताओं और पशुओं को दिखाया। उनका वह आकर्षक रूप देख कर कामातुर हो गये और उन्होंने अपना वीर्यपात कर दिया।
वायु देव ने भगवान शिव के वीर्य को वानर राज केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ में प्रविष्ट कर दिया। इस तरह अंजना के गर्भ से भगवान हनुमान का जन्म हुआ जहां उन्हें शिव का 11 रूप कहा जाता है। उन्होंने कहा कि इस दिन ग्रह बाधा को दूर करने के लिए वह परिवार में सुख शांति स्थापित करने के लिए हनुमान चालीसा वह सुंदरकांड का पाठ सर्वोत्तम फलदाई होता है ।
मौके पर परिवर्तनकारी शिक्षक महासंघ पूर्वी चंपारण के जिला संरक्षक मदन मोहन तिवारी, प्रखंड अध्यक्ष मिंटू कुमार मिश्र, उपाध्यक्ष रजनीश कुमार मिश्र, आचार्य रामचंद्र तिवारी रामबाबू सिंह बीआरपी संतोष तिवारी,रामजन्म सिंह,मदन ठाकुर,राकेश सिंह,राकेश कुमार तिवारी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे थे