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150 वीं जयंती पर निलही कोठी नाटक व प्रिय भजन से याद किए गये बापू
By Deshwani | Publish Date: 25/10/2018 10:29:56 PM
150 वीं जयंती पर निलही कोठी नाटक व प्रिय भजन से याद किए गये बापू

मोतिहारी। देशवाणी न्यूज नेटवर्क।
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर उनके प्रिय भजन के गायन व निलही कोठी के नाट्य मंचन के साथ बापू श्रद्धांजलि दी गई। पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र कोलकाता एवं जिला प्रशासन पूर्वी चंपारण के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को गांधी संग्रहालय परिसर में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में बापू को याद किया गया। 
 
कार्यक्रम का उद्घाटन सूबे के सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह ने की। मौके पर मंत्री श्री सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता से पहले स्वच्छता को महत्व दिया था। खुले में शौच से मुक्ति उनकी ही परिकल्पना थी। चंपारण की धरती जिसने उन्हें महात्मा बनाया, इसको शिक्षित एवं स्वच्छ बनाने का उन्होंने अभियान छेड़ा। उनके सपनों को पूरा करके ही उन्हें हम सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं। 

इस आयोजन की सराहना करते हुए मंत्री ने कहा कि इसका सकारात्मक असर समाज पर पड़ता है। बापू के प्रिय भजन को सुनकर हम धन्य हो जाते हैं। हम सब का नैतिक कर्तव्य है कि हम शिक्षा एवं स्वच्छता को लेकर अपने जिले, प्रदेश एवं देश को आदर्श बनाएं। 

मौके पर पूर्व मंत्री ब्रजकिशोर ¨सह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की शुरूआत बापू के प्रिय भजन वैष्णव जन तो तेने कहिए.. के साथ हुई। भजन का गायन सुप्रसिद्ध लोक गायिका वंदना सिन्हा ने किया। उनके द्वारा बापू से संबंधित अन्य आकर्षक प्रस्तुति भी दी गई। वहीं, चंपारण सत्याग्रह पर आधारित लोक नाट्य निलही कोठी का जीवंत मंचन किया गया। कलाकारों ने अंग्रेजों द्वारा चंपारण के किसानों के साथ किए जाने वाले अत्याचार की दास्तां बखूबी पेश की। नाटककार प्रसाद रत्नेश्वर की इस प्रस्तुति का निर्देशन सिकंदर-ए-आजम ने किया। कार्यक्रम का संचालन रंगकर्मी प्रसाद रत्नेश्वर ने किया। गीत-संगीत के दौर में प्रसिद्ध लोक गायक संजय उपाध्याय एवं उनके साथियों ने भी आयोजन को ऊंचाई दी। 
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