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देश का आठवां व बिहार का इकलौता विश्व कबीर शांति स्तंभ मोतिहारी में, 22 से देश-प्रदेश के संतों का समागम
By Deshwani | Publish Date: 16/9/2018 7:49:38 PM
देश का आठवां व बिहार का इकलौता विश्व कबीर शांति स्तंभ मोतिहारी में, 22 से देश-प्रदेश के संतों का समागम

बिहार में मोतिहारी के बेलवतिया में स्थापित विश्व कबीर शांति स्तंभ। फोटो- देशवाणी।

 
मोतिहारी। पीपराकोठी। माला सिन्हा। देशवाणी न्यूज नेटवकं।

पीपराकोठी क्षेत्र के करीब डेढ़ सौ साल पुराने ऐतिहासिक कबीर आश्रम पर अनंत चतुर्दशी के अवसर पर होने वाले त्रिदिवसीय सन्त सम्मेलन की तैयारी जोरों पर है। हर साल की भांति इस वर्ष भी धूमधाम से संत सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। उक्त सम्मेलन में पड़ोसी देश नेपाल, यूपी, मध्य प्रदेश सहित अन्य जगहों के कबीर पंथी संत महात्माओं का समागम होगा। सम्मेलन 21 सितम्बर से 23 सितंबर तक चलेगा। इसकी सफलता को लेकर उक्त आश्रम के सन्तों के अलावा ग्रामीण व इलाके के प्रबुद्ध जन लगे हुए हैं।
आश्रम का निर्माण 1875 ईस्वी में हुआ था-
 खासकर इस आश्रम परिसर में विश्व कबीर शांति स्तंभ स्थापित है। जो संतो के लिए आकर्षण का केंद्र है। इस तरह का स्तंभ पूरे भारत में मध्य प्रदेश के सात जगहों पर है। जबकि मध्य प्रदेश को छोड़ केवल इसी स्थान पर ही ऐसा स्तंभ है। इस स्तंभ का निर्माण तत्कालीन महंत स्व० रामस्नेही दास ने 2002 में किया। जबकि यह आश्रम 1875 ई० में तत्कालीन महंत स्व० केशव साहेब ने स्थापित किया था।
 इस स्तंभ के अलावा अन्य सभी स्तंभ मध्य प्रदेश शासन के द्वारा बनाये गए हैं। इस आश्रम पर प्रति वर्ष अनंत चतुर्दशी को त्रिदिवाशिये संत सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। जिसमे देश-विदेश के संत महात्मा भक्त का समागम होता है। यह आश्रम धार्मिक समाजिक राजनैतिक व अध्यात्मिक साधना का केंद्र रहा है। इस ऐतिहासिक स्थल के बारे में गौर करें तो आश्रम की स्थापना करने वाले महंथ स्व० केशव साहब ने 1875 ई० में की।  वे 1895 तक महंथ रहे। उसके बाद स्व० श्याम बिहारी दास साहब सन 1895 से 1901 ई०, महंथ स्व० रिशाल साहब 1901 से 1929 तक, महंथ स्व० ब्रह्मदेव साहब सन 1929 से 1954 ई० तक , उसके बाद महंथ स्व० कमल साहेब सन 1954 से 1975 तक रहे।  उन्होंने आश्रम के 100 वें स्थापना दिवस पर अपने जीवन काल में ही रामस्नेही दास को महंथ की गद्दी सौंपते करते हुए उन्हें महंथ बनाया।
डॉ त्रिपुरारी दास हैं महंत-
महंथ रामस्नेही दास ने अपने काल में ही विश्व कबीर शांति स्तंभ की स्थापना की।  वे भी अपने जीवन काल में ही 15 सितम्बर 1997 को अपना कार्य भार रामरूप दास को सौपा।  वे 31 मई 2002 को गुजर गए। फ़िलहाल के महंथ डॉ० त्रिपुरारी दास को 07 सितम्बर 2014 को बनाया गया। तब से उन्ही के नेतृत्व में आश्रम का संचालन हो रहा है।
2008 में पर्यटन स्थल के लिए किया था संघर्ष, अब तो खुद हैं पर्यटन मंत्री-
 वैसे इस आश्रम को पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार ने पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए विधान सभा में पुरजोर मांग उठाई। इसकी घोषणा भी हुई। लेकिन इधर करीब पांच वर्षों से इसके विकास के दिशा में कोई कार्रवाई होते नही दिख रही है। हालांकि ग्रामीण सहित इलाके के लोगों को उम्मीद है कि पर्यटन मंत्री श्री कुमार स्थानीय है और चार पांच किलोमीटर की दूरी पर उनका पैतृक गांव भी है। इसी क्षेत्र की जनता ने उन्हें विधायक भी बनाया है। उन्होंने वर्ष 2008 से ही बेलवतिया कबीर आश्रम को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए लड़ाई भी लड़ी है। फिलहाल वे खुद ही पर्यटन मंत्री है।
 
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