मोतिहारी। सुगौली। शिवेश झा। देशवाणी न्यूज नेटवर्क।
पुलिस के मिलीभगत से छपवा के व्यवसायियों की बर्बरता का शिकार हुए महादलित परिवार अब भी इनकी खौफ और दहशत के साये में जी रहे है। इन्हें सत्ता के मद में मदहोश हुए राजनैतिक लोगों का पुलिस के गठजोड़ से संरक्षण प्राप्त है। उक्त बातें छपवा में मजदूरी मांगने को लेकर नमक की चोरी का आरोप लगाकर महादलित बाल मजदूर की पेड़ से उल्टा लटकाकर हुई पिटाई के विरुद्ध माकपा द्वारा आयोजित धरना को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक रामाश्रय सिंह ने कही।
न्याय मिलने तक माकपा लगातार चलाती रहेगी आन्दोलन-
पूर्व विधायक ने कहा कि छपवा में महादलित बाल मजदूर की मजदूरी मांगने पर व्यवसायियों द्वारा उल्टा टांगकर अमानवीय अत्याचार किया गया। वहीं इस मामले की जांच में सुगौली थानाध्यक्ष के साथ पहुंचे डीएसपी ने भी पीड़ित परिवार को डरा धमका मोबाइल में वीडियो कर केस को प्रभावित कर सुगौली को अराजकता की आग में झोंकने का काम किया है। जिनके कंधों पर पीड़ित बच्चे को बाल मजदूरी से मुक्त करने का दायित्व हो, क्षेत्र में अमन-चैन, शांति तथा सद्भाव बनाये रखने के दिशा में कार्य करने का प्रयास होना चाहिए। उन्हीं के द्वारा अराजकता,भय और खौफ बनाने का काम किया जा रहा है। इस पूरे मामले एक मोटी कमाई और सत्ता के दबाव पर आरोपियों को बचाने का काम किया जा रहा है। जिसको लेकर इस घटना के आरोपियों की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को न्याय मिलने तक माकपा लगातार आंदोलन चलाती रहेगी।
यही हाल सपहा गांव में हुई बलात्कार के बाद हत्या करने जैसे संगीन घटना को भी सुगौली पुलिस द्वारा गलत तरीके से आरोपियों के मेल में आकर दबाने जैसा घृणित कार्य किया गया। कार्यक्रम को मुख्य रूप से अरविंद कुमार, किसान सभा के सदस्य बंकिमचंद्र दत्त, जिला पार्षद शंभु दास, पूर्व जिप सदस्य वीणा देवी, शिवपूजन राम, सत्यदेव राम, म.आलम, धनन्जय पूरी, ललन चौधरी, रूपनारायण कुंअर, पूर्व मुखिया एजाजुल हक और म.अजीजुल हक़ आदि ने संबोधित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता योगेंद्र राम ने की। सभा के अंत मे तीन सदस्यीय शिष्ट मंडल आरक्षी निरीक्षक संजय कुमार सुमन से मिल मांग पत्र सौंपा। जिसमे इस कांड संख्या 247/18 का पर्यवेक्षण एसपी स्वयं करें,शिथिलता बरतने वाले सुगौली के पुलिस अधिकारियों को अविलंब निलंबित करने,वायरल वीडियो में शामिल अपराधियों को चिह्नित कर गिरफ्तार एवं कुर्की करने,90 दिनों के अंदर आरोप पत्र दाखिल करने,मामले का स्पीडी ट्रायल करने सहित पीड़ित परिवारों को दस लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की।