रक्सौल । अनिल कुमार। देशवणी न्यूज नेटवर्क।
सीमाई क्षेत्र में बीते तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश से क्षेत्र की तिलावे, धुतहा व गाद नदी के जल स्तर में काफी वृद्धि हो गई है। जिससे सीमाई क्षेत्र की नदियां के जल स्तर बढ़ने से नदी का पानी ओवर होकर बह रहा है। जिससे सीमाई क्षेत्र के दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया।
गांव की सड़कों पर बह हा करीब चार फीट पानी-
यहाँ बता दे की तीन दिनों से हो रही वारिश से नेपाल की पहाड़ी नदियों में बाढ़ का पानी उफान मार रहा है। जिससे भेलाही, रक्सौल,आदापुर के दर्जनों गांव का संपर्क एक दूसरे गांव से भंग हो गया है। तिलावे नदी का पानी खीड़लीचिया गांव के रोड पर चार फीट बहने के कारण जोकीयारी, हरनाही,सिहोरवा,खरकटवा, सिद्धपुर, भरवलिया व चैनपुरसहित कई गांवो में बाढ़ का कहर शुरू हो गया है। सड़कों का संपर्क भंग हो चुका है।किसानों के धान के बिछड़े बाढ़ के पानी में बुरी तरह डूब चुके है।जिससे उक्त गांवो के लोगो को बाढ़ का भय सताने लगा है।स्कूली बच्चों का स्कूल जाना बंद हो गया है।
कई गांवों में बाढ़ का खतरा-
खिड़लीचिया, हरनाही, शीतलपुर, सेमरी, गोनाहा, चैनपुर, सिहोरावा, सौनहा व सिद्धपुर आदि गांवों में बाढ़ का खतरा काफी बढ़ गया है। शीतलपुर निवासी महात्म सिंह ने बताया कि पिछले साल की भांति इस साल भी हम किसानों को काफी नुकसान होने की आशंका बढ़ गई है। लोगों के खाने के साथ पशुओं के चारा भी नहीं मिल रहा है। वहीं खिड़लीचिया के चन्द्रिका राम ने बताया कि इन दर्जनों गांवो के सैकड़ो लोग दैनिक मजदूरी के लिए शहर जाते है। जिनको शहर आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है। वहीं महिला आमरुणा खातून ने बताया कि प्रखंड प्रशासन का कोई अधिकारी अभी तक बाढ़ की जानकारी लेने नहीं आये है। आदापुर में अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में हुई भारी बारिश के कारण,फिर बंगरी,पसाह व मरधर नदियों का पानी काफी तेजी से निचले इलाकों में फैलने लगा है।आदापुर स्टेशन रोड स्थित मुख्य सड़क पर ढाई फिट पानी का बहाव हो रहा है।चैनपुर गांव के समीप पिछले वर्ष पूर्वी तटबंध के पास बाढ़ का पानी तेजी से फैलने लगा है।पसाह नदी बगही-बखतौरा गांव के समीप अपनी धारा परिवर्तित कर ली है,जिससे बाढ़ के पानी का बहाव तेज होने से मनोज यादव के पोखरे का तटबन्ध भी ध्वस्त हो गया है।बगही गांव के दर्जनों घरों में बाढ़ का पानी घुसने लगा है।बगही,बखतौरा,बहादुरपुर,लोहड़िया आदि गांव भी बाढ़ की पानी से घिर गए है।अतिवृष्टि से भी सरेह में भारी जलभराव की स्थिति है।सैकड़ों एकड़ खेतों में लगी धान के बिचड़े डूब गए है।भलुअहिया,श्यामपुर,मुर्तिया,बेलवा,कचुरबारी,बैरिया,सिरिसिया आदि सरेह के निचले इलाके में जलवृद्धि का क्रम जारी है।बंगरी नदी में आई बाढ़ से नकरदेई स्थित पंचायत सरकार भवन पर नदी के कटाव का खतरा बढ़ गया है।वैसे भी पंचायत सरकार भवन का निर्माण भी बंगरी नदी के तल में ही किया गया है।मानसून की पहली बारिश ने ही बाढ़ पूर्व अधिकारियों की तैयारी का पोल खोल कर रख दिया है।गत वर्ष बंगरी नदी की चैनपुर के समीप टूटे तटबंध की मरम्मती भी नही किया जा सका है,जिससे किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है।पसाह नदी का ओवर फ्लो भी मुर्तिया ठकुराई टोला गांव से पश्चिम होने लगा है।पसाह नदी की तीव्र बहाव के कारण नदी के पश्चिमी तटबन्ध पर पानी का दबाव बढ़ गया है।वह कभी भी ध्वस्त हो सकता है।इधर एसडीओ अमित कुमार ने भी रक्सौल के बाढ़ग्रस्त इलाके का दौरा किया और स्तिथि का जायजा लिया।इस बाबत पूछे जाने पर सीओ विजय शंकर सिंह ने कहा कि वे मुख्यालय से बाहर है।वस्तुस्थिति पर नजर गड़ाए हुए है।अभी बाढ़ का संभावित खतरा नही है।तेज बारिश के कारण निचले इलाके में जलभराव हो गयी है,हालांकि बाढ़ से निबटने के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है।