श्रीशतचण्डी महायज्ञ के आठवें दिन, कथा वाचिका गायत्री ने कहा- माता-पिता का सम्मान मनुष्य का परम कर्त्तव्य
मोतिहारी। पीपराकोठी। माला सिन्हा। देशवाणी न्यूज नेटवर्क।
जीवधारा प्रखंड क्षेत्र के जीवधारा स्थित श्रीराम जानकी मंदिर परिसर में चल रहे श्री शतचंडी महायज्ञ के आठवें दिन श्रद्धालुओं की जमकर भीड़ उमड़ी। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से आये महिला पुरुषों ने यज्ञ स्थल पर पहुंच कर पूजा अर्चना की। वहीं बच्चों ने खेल तमाशों का जमकर लुत्फ उठाया।
सत्य का मार्ग कठिन लेकिन आनंददायक -
वहीं प्रवचन के दौरान कथा वाचिका गायत्री त्रिवेदी ने कहा कि भूलकर भी कभी अपने माता-पिता का तिरस्कार नहीं करना चाहिए। वे तुम्हारे लिए आदरणीय हैं। उनका मान-सम्मान करना हर मनुष्य का कर्तव्य है। वहीं मदन जायसवाल ने कहा कि मनुष्य को सदा सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। सत्य का मार्ग कठिन है लेकिन अंत बहुत ही आनन्ददायक होता है।
भक्ति गीतों से श्रद्धालु हुए अभिभूत-
कार्यक्रम के दौरान एक से बढ़कर एक भक्ति गीतों के माध्यम से प्रवचनकर्ता ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। मंच संचालन मूनटून श्रीवास्तव ने किया। इस दौरान यज्ञ के आचार्य आशुतोष दत्त पाराशर, महामाया दत्त पाराशर, सुधांशु दत्त पाराशर, मुकेश तिवारी ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञ करा रहे हैं।
यज्ञ की सफलता को दिन-रात लगे हैं क्षेत्र के गणमान्य व समिति के लोग-
यज्ञ की सफलता के लिए संरक्षक रामदेव गिरि, अध्यक्ष रामबाबू सिंह, सचिव भोलाशंकर जायसवाल, कोषाध्यक्ष मदन प्रसाद जायसवाल, दीपक पांडेय, श्यामकिशोर यादव, मुरारी कुमार, आलोक जायसवाल, राजेश प्रसाद कुशवाहा, सुरेन्द्र प्रसाद यादव, आसदेव प्रसाद, सुरेन्द्र गिरि, पप्पू जायसवाल, सुधीर पटेल, सन्देश्वर पांडेय व राजन कुमार सहित कई समिति भरपूर प्रयास में लगे हुये है.