ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
मोतिहारी
जीवधारा में चल रहे श्रीशतचंडी महायज्ञ में उमड़ रही श्रधालुओं की अपार भीड़, बच्चे भी उठा रहे खेल-तमाशों का लुत्फ
By Deshwani | Publish Date: 26/6/2018 7:30:55 PM
जीवधारा में चल रहे श्रीशतचंडी महायज्ञ में उमड़ रही श्रधालुओं की अपार भीड़, बच्चे भी उठा रहे खेल-तमाशों का लुत्फ

जीवधारा में आयोजित श्रीशचण्डी महायज्ञ में आचार्यगण। फोटो- देशवाणी।

श्रीशतचण्डी महायज्ञ का मंगलवार है सातवां दिन।

मोतिहारी। पीपराकोठी से माला सिन्हा। देशवाणी न्यूज नेटवर्क।
 
पीपराकोठी प्रखंड क्षेत्र के जीवधारा स्थित श्री राम जानकी मंदिर परिसर में चल रहे श्री शतचंडी महायज्ञ के सातवें दिन श्रद्धालुओं की जमकर भीड़ उमड़ी। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से आये महिला-पुरुषों ने यज्ञ स्थल पर पहुंच कर पूजा अर्चना की। वहीं बच्चों ने खेल तमाशों का जमकर लुत्फ उठाया। वहीं दूर-दूर से यहां पधारे कथा वाचकों की वाणी से लोग आध्यात्म के ज्ञान से सरावोर भी हो रहें हैं।
 

सत्संग है औषधालय, जहां होता अत्मा का उपचार- गायत्री

 वहीं प्रवचन के दौरान कथा वाचिका गायत्री त्रिवेदी ने सत्संग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कही कि हर मनुष्य के जीवन में सत्संग का विशेष महत्व है। सत्संग एक प्रकार का औषधालय है, जो आत्मा का उपचार करता है। जिस प्रकार एक रोगी व्यक्ति शारीरिक उपचार के लिए चिकित्सक के पास जाता है उसके परामर्श के अनुसार नियमित दवा का सेवन कर रोग से छुटकारा पता है। ठीक उसी तरह सद्गुरु के परामर्श से जो व्यक्ति नियमित सत्संग करता है, उसकी आत्मा की मलीनता का धीरे धीरे नाश हो जाता है। इस भौतिकतावादी सांसारिक वातावरण में रहते हुए मनुष्य की मनोदशा तथा बौद्धिक स्थिति मलीन हो जाती है। इसके शुद्धिकरण के लिए इस पूर्ण सद्गुरू की शरण ग्रहण कर मनुष्य सत्संग को नियमित कर आत्मिक शुद्धता को प्राप्त करता है। नियमित सत्संग करने से मानव के कुविचारों और कुसंस्कारों का नाश होता है तथा उसके मन बुद्धि में सुविचारों तथा अच्छे संस्कारों का संचार होता है। विचार की शुद्धता के परिणाम स्वरूप मनुष्य की वाणी पवित्र होती है तथा आचरण व्यवहार संतों के समान पवित्र हो जाता है।

वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हो रहा हवन-

 इस दौरान यज्ञ के आचार्य ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञ करा रहे हैं. यज्ञ की सफलता के लिए संरक्षक रामदेव गिरि, अध्यक्ष रामबाबू सिंह, सचिव भोलाशंकर जायसवाल, कोषाध्यक्ष मदन प्रसाद जायसवाल, दीपक पांडेय, श्यामकिशोर यादव, मुरारी कुमार, आलोक जायसवाल, राजेश प्रसाद कुशवाहा, सुरेन्द्र प्रसाद यादव, आसदेव प्रसाद, सुरेन्द्र गिरि, पप्पू जायसवाल, सुधीर पटेल, सन्देश्वर पांडेय व राजन कुमार सहित कई समिति भरपूर प्रयास में लगे हुये है.
 जीवधारा में आयोजित श्रीशचण्डी महायज्ञ में आचार्यगण। फोटो- देशवाणी।deshvani.in
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS