मोतिहारी। पीपराकोठी। माला सिन्हा।
देशवाणी न्यूज नेटवर्क।
पूर्वी चम्पारण में पीपराकोठी थाना क्षेत्र के राजमार्ग 28, मठबनवारी चौक के पास मंगलवार को आरटीआई कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह की बाइक सवार अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। वे आज मोतिहारी से अपने घर संग्रामपुर के राजापुर गांव स्थित अपने घर जा रहे थे। तभी करीब 12 बजे दिन में घात लगाए बाइक सवार अपराधियों ने मठबनवारी के पास एनएच 28 पर ओवरटेक कर उनपर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। उन्हें मृत समझ अपराधी घटनास्थल से फरार हो गये। सूचना पर पहुंची थाना पुलिस ने पाया कि उनकी सांसें चल रही है। तब पुलिस को उन्हें बचा लेने की उम्मीद जगी। आनन-फानन में पुलिस ने उन्हें सदर अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। deshvani.in
घटनास्थल से बरामद किया गया राजेन्द्र सिंह के दो मोबाइल फोन, दिन के 12 बजे रिसिव किया था फोन-
थानाध्यक्ष अभिषेक रंजन ने बताया कि घटनास्थल से पुलिस ने मृतक के दो मोबाइल बरामद किया है। मोबाइल की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि राजेंद्र ने 12 बजे किसी से बात की थी। उसके बाद घात लगाए बदमाशों ने उसका पीछा कर गोली मार हत्या कर दी। पुलिस ने शव को जब्त कर पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। थानाध्यक्ष ने कहा कि पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए रेड कर रही है। शीध्र ही अपराधी सलाखों के पीछे होंगे।
सदर डीएसपी ने कहा- वैज्ञानिक तरीके से की जा रही अपराधियों की खोज-
सदर डीएसपी मुरली मनोहर मांझी का कहना है कि अपराधियों की पहचान वैज्ञानिक तरीके से करने में पुलिस जुटी है। घटना में शामिल बदमाशों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी की जाएगी।
राजेन्द्र सिंह के अनगिनत थे दुश्मन :
आरटीआई कार्यकर्ता संग्रामपुर थाना क्षेत्र के राजापुर निवासी राजेंद्र सिंह के अनगिनत दुश्मन थे। आरटीआई के माध्यम से उन्होंने कई बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। एलआईसी में घोटाले सहित अन्य कई घटलों के लिये बराबर सुर्खियों में रहे। सूचना के अधिकार के सच्चाई जनता के सामने लाने के कारण वे पुलिस, अधिकारी, नेता, जनप्रतिनिधि व कर्मचारियों के लिए सरदर्द बने हुए थें। सूत्रों की माने तो वे करीब तीन दर्जन केस न्यायालय में लड़ रहे थे। इसके अलावा परिवारिक विवाद की बातें भी सामने आ रही है। हाल के दिनों में अधिकारियों के समक्ष पंचायत भी हुई थी। हालांकि चौतरफा दुश्मनी के चलते परिजन अभी असली हत्यारा के निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। हालांकि हत्या के राज को सुलझाने में पुलिस जुटी हुई है।
घ्रटना का जायजा लेते पुलिस पदाधिकारी। फोटो- देशवाणी।
कई बार हो चुका है इनपर जानलेवा हमला-
घटना की सूचना पर पहुंचे गोपालगंज निवासी राजेंद्र के दामाद आरके सिंह ने बताया कि पूर्व के 2012 में घर पर, 2015 में जिप से ठोकर मारकर और 2017 मे टांगी से प्रहार कर जान से मारने का प्रयास किया जा चुका है। वे जुझारू व्यक्ति थे। प्रशासनिक स्तर पर जान की रक्षा की गुहार लगाने के बाद भी सुरक्षा नहीं दी गई। बताया कि वे आने-जाने व रहने की जानकारी किसी को नहीं देते थे। बतया कि सोमवार को रघुनाथपुर बालगंगा में संबंधी के यहां तिलक मे रुके थे। कई मामलों में वह केस लड़ रहे हैं। इसी क्रम में मोतिहारी कोर्ट से वह घर लौट रहे थे। समाचार लिखे जाने तक घटना के संबंध में अभी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।