मोतिहारी
जनहित के लिए किए गए प्रदर्शन पर प्राथमिकी सरासर गलत, विधायक डॉ अजय ने कहा- सरकार से की जाएगी शिकायत
By Deshwani | Publish Date: 27/5/2018 9:13:55 PMविधायक डॉ अजय कुमार सिंह। फोटो- देशवाणी।
रक्सौल। अनिल कुमार।
बीते 17 मई को हुए रक्सौल शहर के मेन रोड में संतोष पटेल के दुर्घटना के बाद सड़क पर हुए प्रदर्शकारियों पर प्राथमिकी की जाने पर रक्सौल विधायक डॉ0 अजय कुमार सिंह काफी आक्रोशित हैं। उन्होंने कहा प्रशासन द्वारा प्रदर्शनकारियों पर कोई कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं किए जाने के वायदा किए जाने के बाद भी ऐसा करना काफी शर्मनाक बात है। कहा कि इसे कतई बर्दास्त नहीं किया जाएगा।
यहां के जन भावना को प्रदर्शित किया था ।वह किसी पार्टी का विरोध में नहीं था। बल्कि रक्सौलवासियों के हित मे था।प्रशासन द्वारा वायदा किया गया था कि केश नही किया जाएगा। लेकिन,बैक डेट में केश दर्ज किया जाना सरासर गलत है। इसे बर्दास्त नही किया जा सकता। उक्त बातें रक्सौल के भाजपा विधायक डॉ0 अजय कुमार सिंह ने रविवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही।
पूरे मामले को सरकार को कराऊंगा अवगत- डॉ सिंह
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी दो स्कूली बच्चों की ट्रक से कुचल कर मौत के बाद आंदोलन हुआ।और प्रशासन ने समझौते के बाद भी बैक डेट में केश कर दिया। मेरे प्रयास से 6 लोगो का नाम निकाला गया था। यह आंदोलन पूरे रक्सौल के लिए था। उससे सबको लाभ है। उन्होंने कहा कि इस घटना के क्रम में मैं इलाज के लिए मुंबई में था। सोशल मीडिया से पूरी जानकारी मिली। इस आंदोलन के बाद शहर के मुख्य पथ का जाम समाप्त हुआ।आईसीपी संचालन में आया। स्कूली बच्चों को स्कूल आने जाने व बीमार लोगों को जाम में फंसने से मुक्ति मिली है। उन्होंने दुहराया कि जन भावना आंदोलन के पक्ष में है। प्राथमिकी करना सरासर गलत है। पुलिस को इस केश को समाप्त करना चाहिए। आश्वस्त करना चाहिए कि शहर में अब जाम नही लगेगा। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले पर मैं खुद सरकार को अवगत कराऊँगा ।उन्होंने कहा कि जनता से बड़ा कोई नही हो सकता। जन-भावना का सम्मान होना चाहिए।
17 मई को क्लिंकर लदे ट्रक ने संतोष पटेल को कुचल दिया था-
यहां बता दे कि पिछले 17 मई को शहर के मेन रोड मे स्थित पूर्वमंत्री श्याम बिहारी के घर के सामने क्लींकर लदे दस चक्का ओवर लोडेड ट्रक से स्थानीय संतोष पटेल गम्भीर रूप से कुचल गए थे। इसके बाद जनांदोलन शुरू हो गया। 29 घण्टे बाद प्रशासन ने आईसीपी संचालन और पीड़ित सन्तोष को मुआवजा के आश्वासन पर आंदोलन समाप्त कराया।बावजूद पुलिस ने 7 नामजद और करीब 70 अज्ञात के विरुध्द प्राथमिकी दर्ज कर दी। उधर डंकन अस्पताल में एक पैर काटना पडा था।