मोतिहारी
हमें अपने अंदर के रावण को मार श्रीराम होना है - ध्यानमूर्ति
By Deshwani | Publish Date: 7/4/2018 8:19:39 PMश्री राम कथा में प्रवचन देती माँ ध्यानमूर्ति जी
रक्सौल। अनिल कुमार।
शहर के राम जानकी मंदिर के समीप पोखरा पर साहित्य कला सांस्कृतिक संभावना संस्था के द्वारा आयोजित 9 दिवसीय श्रीराम कथा का चतुर्थ दिन श्रीराम कथा उत्सव मे भाव विभोर हुए श्रद्धालु। श्रीराम जी के आने से पहले धरती पर दुष्टों का साम्राज्य हो चुका था। रावण की मनोदशा को उसके पूर्व जन्मों से जोड़ते हुये गुरू माँ ध्यानमूर्ति जी ने कहा कि वह पूर्व जन्म मे प्रताप भाणु नाम का राजा था,और वह एक अच्छा इंसान था। किंतु उसको लोभ ने काल के शिकंजे मे फंसा दिया था। वैसे व्यक्ति से पाप भी करवाता था और व्यक्ति को मनुष्यता से गिराकर बुराई मे धकेल देता था। राम कथा सिखाता है कि श्री राम और रावण दोनों ही बलवान है। हमें अपनी बुराइयों पर काबू पाकर श्री राम होना है। अपने भीतर के रावण को अंत करना है।
मौके पर संभावना के अध्यक्ष भरत प्रसाद गुप्ता सह अध्यक्ष शिवपूजन प्रसाद रविन्द्र मिश्रा जगदीश प्रसाद कृष्णा साह राकेश गुप्ता संजय सर,ओमप्रकाश गुप्ता,जगदीश प्रसाद गुप्ता,विनोद कुमार,धीरज कुमार,सुबोध कुमार सहित प्रवचन में भारी संख्या में महिलाये उपस्तिथ थीं।।