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चिरैया पीएचसी का हाल, 3.25 लाख आबादी पर मात्र दो चिकित्सक, नहीं हैं महिला चिकित्सक
By Deshwani | Publish Date: 29/3/2018 6:59:24 PM
चिरैया पीएचसी का हाल, 3.25 लाख आबादी पर मात्र दो चिकित्सक, नहीं हैं महिला चिकित्सक

 मोतिहारी। चिरैया। अर्चना रंजन। 
 
सरकार इस बात के लिए प्रयासरत है कि सबको बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले। इसके लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर तरह-तरह की योजनाएं चलाई भी जा रही हैं और इसके लिए काफी पैसे भी खर्च किए जा रहें हैं। मगर स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति ठीक नहीं है। कहीं डॉक्टर नहीं तो कहीं दवा नहीं। इसके साथ हीं कर्मचारियों की भी घोर अभाव है। ऐसे में रोगी का बेहतर इलाज कैसे किया जाता है, यह बड़ा सवाल है। राज्य सरकार को जिसप्रकार आम-आवाम के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की जरूरत है वह ठीक नही चल रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर, नर्स, कंपाउंडर, फार्मासिस्ट, दवा आदि की व्यवस्था जिस प्रकार होनी चाहिए वह सब ठीक-ठाक नही चल रही है। इस कड़ी में प्रखंड मुख्यालय में स्थित प्राथमिक सह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भी है।
23 पंचायतों में रहती है 3.25 लाख की आबादी, मात्र दो चिकित्सक, महिला चिकित्सक का पद खाली
बतादें की चिरैया पूर्वी चंपारण का दूसरा सबसे बड़ा प्रखंड है, जहां 23 पंचायत है। इस 23 पंचायत के 3.25 लाख की आबादी इस प्राथमिक सह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के भरोसे हैं। जहां मात्र दो पुरुष चिकित्सक कार्यरत है। उसमें भी एक नियमित तो दूसरा अनुबंध पर हैं। यहां वर्षो से महिला चिकित्सक का पद खाली है। लेकिन आज तक महिला चिकित्सक की बहाली नही हो सकी। जिसका नतीजा यह है कि यहां पदस्थापित एएनएम के द्वारा सुदूर देहात से आई महिला मरीजों का ईलाज से लेकर प्रसव आदि का तक का कार्य किया जाता है।
 डॉक्टरों व कर्मचारियों की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पंचायत समिति से लेकर आम जनता तक आवाज उठा कर तक चुके हैं लेकिन शायद इसकी सुधि लेने वाला कोई नही है। राम भरोसे मरीजों का ईलाज चल रहा है। बतादें की यहां चिकित्सक का 4 पद सृजित है। जबकि यह पीएचसी 30 बेड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बन चुका है जो 30 मार्च तक कार्य करने लगेगा। बतादें की यह पीएचसी चिरैया बस स्टैंड से लगभग 1.5 किलोमीटर की दूरी पर प्रखंड कार्यालय परिसर में स्थित है। लेकिन चिरैया बस स्टैंड से यहां आने -जाने के लिए किसी प्रकार की सवारी की सुबिधा नही है। कोई भी व्यक्ति अपनी सवारी से हीं उक्त स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंच सकते हैं। बतादें की यहां प्रतिदिन लगभग 150 मरीजों का औसतन इलाज किया जाता है। यहां 4 डॉक्टरों की अपेक्षा 2 डॉक्टर कार्यरत है। यहां 3 एएनएम व 1 जीएनएम कार्यरत है। इसके साथ हीं 23 पंचायत में 23 स्वास्थ्य उपकेंद्र है जो 23 एएनएम के जिम्मे है। इसके साथ हीं 3 अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र शिकारगंज, हरिहरा व पटजिलवा में संचालित हैं जिस पर आयुष डॉक्टर कार्यरत है लेकिन यह स्वास्थ्य केंद्र नाम का केंद्र है इनके डॉक्टर खुद का क्लिनिक चलाने में व्यस्त रहते हैं। स्वास्थ्य प्रबंधक चन्देश्वर प्रसाद ने बताया कि यहां लगभग सभी प्रकार के दावा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। सर्पदंश एवं कुत्ते की काटने की दवा सहित बच्चे की दवा भी उपलब्ध है। सफाई के लिए एक सरकारी सफाई कर्मी कार्यरत है। इसके साथ हीं आउट सोर्सिंग के माध्यम से भी स्वास्थ्य केंद्र का साफ-सफाई हमेशा होती है। बतादें की की यहां 30 बेड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बन कर तैयार है। जिसमें आउट डोर और इन डोर की व्यवस्था है। 30 बेड अभी तक नही है लेकिन मार्च अंतिम तक हर हाल में 30 बेड का स्वास्थ्य केंद्र चालू होने की बात बताई गई। यहां एम्बुलेंस की भी व्यवस्था है। बतादें की यहां मरीजों के लिए चाय, नास्ता व भोजन आदि की व्यवस्था नही है लेकिन बहुत जल्द इन सभी की व्यवस्था भी करने की बात कही गई।

-पीएचसी में महिला मरीजों का इलाज एएनएम के भरोसे

लगभग पांच वर्ष पूर्व महिला चिकित्सक डॉ. संध्या रागनी के द्वारा अपने पद से इस्तीफा दे देने के बाद से पीएचसी में महिला चिकित्सक का पद रिक्त पड़ा हुआ है। लेकिन किसी ने इसकी अबतक सुधि लेना अनिवार्य नही समझा। जिसका नतीजा यह है कि प्रतिदिन इलाज व प्रसव के लिए पहुंचने वाली महिला मरीजो का ईलाज यहां पदस्थापित एएनएम के जिम्मे है। जो किसी प्रकार स्वास्थ्य केंद्र पर ईलाज कर और उपलब्ध दवा को देकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करती है।
-क्या कहती है मरीज
दीपही गांव की अम्बरी खातून सेमरा की कृष्णा देवी बताया कि महिला चिकित्सक नही होने के कारण हम सबों को बीमारियों का इलाज सही ढंग से नही हो पाता है। वहीं सेमरा के जयनारायण पंड़ित ने बताया कि यहां डॉक्टरों की घोर कमी है। मरीज ज्यादा होता है और डॉक्टर कम है।

-डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों के कारण होती है काफी परेशानी
 
इस स्वास्थ्य केंद्र पर कुल 4 डॉक्टर का पद सृजित है इसके अपेक्षा यहां वर्तमान में मात्र 2 एमबीबीएस डॉक्टर कार्यरत है। यहां पांच वर्षों से महिला चिकित्सक की पदस्थापना नही हो सकी है। इसके अलावा कंपाउंडर, ड्रेसर, फार्मासिस्ट, महिला वार्ड अटेंडेंट आदि का घोर अभाव है।
-क्या कहते हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी
स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था को दुरुस्त करने और व्यवस्था की कमी की दिशा में हर संभव प्रयास जारी है। डॉक्टर व कर्मचारियों की कमी सबसे ज्यादा आपात स्थिति में के क्रम में महसूस होती है। जब काफी परेशानी और लोगों के आक्रोशों का सामना करना पड़ता है। इस संदर्भ में जिला की बैठक में कई बार कहा जा चुका है। साथ हीं सिविल सर्जन को कई बार लिखा भी गया है।
डॉ. श्याम पासवान
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी,
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चिरैया
-क्या कहते हैं प्रमुख
चिरैया प्रमुख मीना देवी के प्रतिनिधि अच्छेलाल प्रसाद यादव ने बताया कि समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कई तरह की अनियमितता बरती जारी है। स्वास्थ्य केंद्र लूट खसोट का केंद्र बन गया है। यहां पदस्थापित लेखापाल बिना पैसा लिए हुए कोई काम नहीं करता है। वह आशा द्वारा किए गए कार्यो का भुगतान हो या सरकार द्वारा संचालित अन्य जितनी योजनाएं है उन सभी के भुगतान के लिए लेखापाल के द्वारा पैसा लिया जाता है। आशा की शिकायत पर लेखापाल को सचेत किया गया था। आगे से इस प्रकार की शिकायत मिलने पर  कार्रवाई की हिदायत दी गई थी। लेकिन लेखापाल लूट खसोट से बाज नहीं आ रहें है। जल्द हीं इसके लिए वरीय पदाधिकारी को लिखा जाएगा।
अच्छेलाल प्रसाद यादव
प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि, चिरैया।
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