मोतिहारी
रेलवे की मनमानी के खिलाफ सीमा जागरण मंच व ग्राम स्वराज मंच का धरना 23 मार्च को
By Deshwani | Publish Date: 22/3/2018 8:13:07 PM-रक्सौल स्टेशन प्रबंधक को सौंपा गया ट्रेनों के परिचालन में सुधार समेत अन्य मांगों का ज्ञापन
रक्सौल। अनिल कुमार
पूर्व-मध्य रेलवे के समस्तीपुर मंडल अंतर्गत रक्सौल-सीतामढ़ी व रक्सौल -मुजफ्फरपुर रेलखण्ड पर सवारी गाड़ियों का परिचालन प्रबंधनीय अक्षमता का शिकार बना हुआ है। जिसमें सुधार व जनसुविधा को देखते हुए ट्रेनों की समय सारणी अनुसार परिचालन की मांग करते हुए रक्सौल के स्टेशन प्रबंधक पीएनपी श्रीवास्तव को एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन सौंपते हुए सीमा जागरण मंच के प्रांतीय नेता महेश अग्रवाल व ग्राम स्वराज मंच के अध्यक्ष रमेश सिंह ने कहा कि उपेक्षा से जनाक्रोश पनप रहा है। जनभावना का सम्मान करते हुए हमने 23 मार्च एक दिवसीय सांकेतिक धरना का निर्णय लिया है। यदि इसमें सुधार नहीं हुआ तो व्यापक आंदोलन होगा। श्री अग्रवाल ने कहा कि मिथिला एक्सप्रेस व इंटरसिटी समेत अधिकांश ट्रेन विलम्ब से चल रही हैं। सूरते-ए-हाल यह है कि मात्र चार जोड़ी सवारी गाड़ी में एक जोड़ी डाउन 75227 एवं अप 75230 को रद्द ही कर दिया गया है। साथ ही विगत 15 फरवरी 2018 से डाउन 75226 को ज्यादातर विलम्ब या रद्द ही रखा जा रहा है। उन्होंने मांग की कि मुजफ्फरपुर -रक्सौल रेलखंड पर पैसेंजर ट्रेन संख्या 55226 का रक्सौल जंक्शन से प्रस्थान का समय सुबह के पौने छह बजे की बजाए 7 बजे से 8 बजे के बीच सुनिश्चित किया जाए। वहीं,मुजफरपुर से खुलने वाली 55225 पैसेंजर ट्रेन का वहां से प्रस्थान समय 6 बजे की जगह संध्या 3 बजे से 4 बजे के बीच सुनिश्चित किया जाए। ताकि,मोतिहारी से आने- जाने वाले यात्रियों को सुविधा हो।
वही,ग्राम स्वराज मंच के अध्यक्ष रमेश सिंह ने कहा कि इस रेलखण्ड पर अमान परिवर्तन के पूर्व छह:जोड़ी सवारी गाड़ियों का परिचालन हुआ करती थी। लेकिन,इन दिनों रेल यात्रा त्रासदी पूर्ण हो गई।है। कोई टाइम टेबल मेंटेन नहीं हो रहा। घोषणा के बाद भी ट्रेन नहीं चल रही। इस संदर्भ में रेल प्रशासन के तमाम अधिकारियों से लेकर रेल मंत्री तक लिखित शिकायत पत्र प्रेषित किया जा चुका है। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह है कि कोई इस गम्भीर समस्या का संज्ञान लेने को तैयार नहीं है। जबकि इस रेलखण्ड से प्रतिदिन भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के हजारों यात्री यात्रा करते हैं,जो रेल प्रशासन के घटिया प्रबन्धन क्षमता का शिकार हो रहे हैं।
बताया गया कि ज्ञापन की प्रति रेल मंत्रालय के साथ ही जीएम व डीआरएम को भी प्रेषित की गई है।।