पीपरकोठी। माला सिन्हा
स्थानीय बीआरसी परिसर स्थित एनाआइओसी के स्टडी सेंटर पर रविवार को विभिन्न प्रखण्डों के सरकारी तथा गैर सरकारी स्कूलों के अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षक चन्द्रभूषण, आरती कुमारी,मनोज ठाकुर, मो फैयाज अख्तर, नागेंद्र कुमार, चतर्भुज बैठा, राजेश कुमार सिन्हा, नमिता किरण शशिरंजन कुमार श्रीवास्तव ने बच्चों में भाषा, शिक्षण व उसके कौशल विकास की जानकारी के साथ बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि बालिका शिक्षा का हमारे देश में अत्यन्त महत्व है. आज भी हमारे देश में लड़के और लड़कियों में भेदभाव किया जाता है. ग्रामीण क्षेत्रों में तो लड़कियों की स्थिति सोचनीय हो जाती है. ग्रामीण परिवेश में लोग शिक्षा के महत्व से परिचित नहीं हो पाते हैं. उनकी दृष्टि में पुरुषों को शिक्षा की जरूरत होती है, क्योंकि वे नौकरी करने अथवा काम करने बाहर जाते हैं, जबकि लड़कियां तो घर में रहती हैं और शादी के बाद घर के काम-काज में ही उनका ज्यादातर समय बीत जाता है. आज समय तेजी से बदल रहा है. पुरुषों के बराबर स्त्रियों की भी शिक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है. सरकार द्वारा ऐसे अनेक योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिससे बालिकाओं की निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है. लोगों में जागरूकता फैलाने का काम स्वयंसेवी संस्थाएं कर रही हैं. आम चुनावों में महिलाओं को आरक्षण दिया जा रहा है. इन सब ने आज ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों का रूझान पढ़ाई की ओर कर दिया है. आज की लड़कियां घर और बाहर दोनों को संभाल रही हैं. सरकार द्वारा बालिका कल्याण हेतु अनेक योजनाएँ चलाई जा रही हैं। मौके पर सविता कुमारी, मुकेश कुमार सिंह, सुरेश दास, विनोद राम, अजय शंकर मिश्रा, शशिरंजन पाठक, प्रभात रंजन, शम्मी अख्तर, गणेश पासवान, मिथलेश जायसवाल, नागेन्द्र शर्मा, अनामिका कुमारी सहित कई शिक्षक मौजूद थे.